Panchak 2023: वैदिक ज्योतिष में अशुभ माने जाने वाले पंचक आज शनिवार को सायं 6.44 बजे आरंभ हो जाएंगे। इसके साथ ही समस्त शुभ कार्यों को करने पर भी रोक लग जाएगी। पंचक का का समापन अगले सप्ताह 19 अप्रैल 2023 को रात्रि 11.53 बजे होगा। ज्योतिषियों के अनुसार पंचककाल के दौरान समस्त प्रकार के शुभ कार्यों को यथासंभव टालना चाहिए।
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क्या होते हैं पंचक
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार चन्द्रमा राशिचक्र की 12 राशियों तथा उनमें आने वाले सभी 27 नक्षत्रों की लगभग एक माह में परिक्रमा कर लेता है। इस दौरान जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है तो इस घटना को ही पंचक कहा जाता है। यह अवधि लगभग पांच दिन की होती है। इन पांच दिनों में समस्त शुभ कार्यों को करने की मनाही की गई है।
आज से आरंभ होगा मृत्यु पंचक
पंचक जिस दिन आरंभ हो रहा है, उसी के आधार पर उसे अलग-अलग नाम दिया जाता है। सोमवार को आरंभ होने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार से आरंभ होने पर अग्नि पंचक, शुक्रवार से आरंभ होने पर चोर पंचक, शनिवार को आरंभ होने पर मृत्यु पंचक तथा रविवार को आने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है। इस बार पंचक शनिवार से आरंभ हो रहा है अत: इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा।
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पंचक (Panchak 2023) में न करें ये कार्य
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार यदि इस समय शुभ कार्य किए जाए तो व्यक्ति को आर्थिक व अन्य नुकसान उठाने पड़ते हैं। विशेष कर इस समय नए घर का निर्माण करना, छत डालना,मकान की नींव लगाना, नया व्यापार आरंभ करना, नया फर्नीचर खरीदना, उपनयन संस्कार, विद्यारंभ आदि सभी कार्य टालने चाहिए। यदि पंचक में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसके शव को जलाने के पहले आटे के 5 पुतले बनाकर उनका दाह संस्कार किया जाता है। माना जाता है कि पंचक में मृत्यु होने पर उस परिवार में अन्य लोगों की भी मृत्यु होगी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।