Palmistry: डमरू को बेहद ही शुभ वाद्ययंत्र माना जाता है। भगवान शिव अपने हाथ में त्रिशूल के साथ डमरू धारण करते हैं। भोलेनाथ को डमरू अत्यंत प्रिय है। डमरू से निकलने वाले नाद को ब्रह्मनाद कहा जाता है। इस ध्वनि से ही सारे ब्रह्मांड में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। माना जाता है कि जब भगवान भोलेनाथ क्रोधित होते हैं और जब प्रसन्न होते हैं तो वे डमरू बजाते हैं।
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर डमरू किसी व्यक्ति की हथेली में बनें तो बेहद ही शुभ होता है। माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति पर स्वयं भोलेनाथ की कृपा होती है। ऐसा व्यक्ति जीवन में हमेशा उच्च पद पर पहुंचता है। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति को कभी भी धन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं ये लोग
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, हथेली में कहीं पर भी डमरू का निशान बनता है तो ऐसा व्यक्ति धर्मिक प्रवृत्ति का होता है। ये लोग अपना अधिकतर समय मेडिटेशन और योग में बिताते हैं। ये अपने करियर में बुलंदियां छूते हैं। इनको रुपए-पैसे की समस्याएं कभी भी नहीं रहती हैं।
गुरु पर्वत पर बनें डमरू का निशान
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर डमरू का निशान तर्जनी उंगली के नीचे यानि गुरू पर्वत पर बनता है तो ऐसा व्यक्ति उच्च पद पर आसीन होता है। इनकी आर्थिक स्थिति हमेशा अच्छी रहती है। ये प्रशासन और न्यायिक क्षेत्रों में अपना करियर बनाते हैं। इनको समाज में उच्च पद, प्रसिद्धि मिलती है।
शनि पर्वत पर बने निशान
मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। जिस भी व्यक्ति की हथेली में यहां पर डमरू बनता है, ऐसा व्यक्ति गूढ़ रहस्यों को समझने में रूचि रखता है। तपस्या, ध्यान और शोध से जुड़े क्षेत्रों में इनको सफलता मिलती है।
सूर्य पर्वत पर बने डमरू
अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत होता है और यहां डमरू बनने से व्यक्ति को कला, संगीत, साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्धि मिलती है। ऐसा व्यक्ति शोहरत सम्मान और नाम कमाता है।
बुध पर्वत पर डमरू
कनिष्ठा मतलब छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है और यहां अगर डमरू बनता है तो ऐसा व्यक्ति राजनयिक, पत्रकार, लेखक या अच्छा वक्ता बनता है। इनको व्यापार में भी सफलता मिलती है। ये आर्थिक रूप से भी मजबूत होते हैं।
शुक्र पर्वत पर डमरू
अंगूठे के नीचे अगर शुक्र पर्वत पर डमरू बनता है तो ऐसे व्यक्ति में अच्छा आकर्षण होता है और इनको सारे भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। इनको एक अच्छा जीवनसाथी मिलता है। ऐसे लोग आर्ट में रुचि रखते हैं।
हथेली के बीच में बने डमरू
अगर हथेली के बीच में डमरू बनें तो यह मंगल पर्वत पर बनता है। यहां डमरू बनने से व्यक्ति कठिनाई से कभी भी घबराता नहीं है। ये लोग सेना, पुलिस या प्रशासनिक सेवा में नौकरी करते हैं। भगवान शिव के प्रति इनकी गहरी श्रद्धा होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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