मंगलवार 18 मार्च, 2025 की शाम में 7 बजकर 20 मिनट से ग्रहों के राजकुमार बुध ग्रह अस्त हो चुके हैं। अस्त होने की अवस्था में आने से पहले बुध 15 मार्च से वक्री होकर उल्टी चाल चल रहे हैं। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार ग्रह के वक्री होने से उनकी फल देने की शक्ति अनिश्चित रहती है और प्रायः नेगेटिव प्रभाव होता है। वहीं अस्त अवस्था में ग्रह प्रायः निस्तेज और फलहीन हो जाते हैं। इसलिए 18 मार्च को वक्री बुध का अस्त हो जाना शुभ नहीं माना जा रहा है।
वक्री बुध हुए अस्त का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र की पुस्तकों में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, विवेक, तर्क, विचार, संचार, व्यापार, बैंकिंग लेखा-जोखा आदि का स्वामी ग्रह माना गया है। वक्री बुध के अस्त होने से जीवन के सभी पहलुओं और सेक्टरों पर व्यापक और गहरा असर पड़ेगा। आपको बता दें कि वक्री बुध 7 अप्रैल, 2025 से मार्गी को सीधी चाल चलेंगे, वहीं इसके अगले दिन 8 अप्रैल से अस्त हुए बुध भी उदय होकर सकरात्मक असर डालेंगे। यह समय खासकर उन राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, जो बुध से जुड़े ग्रहों संबंधित होती हैं।
वक्री और अस्त बुध का राशियों पर असर
वक्री बुध का अस्त हो जाते हैं, तो यह स्थिति जातक व्यक्तित्व, सोच, मानसिक स्थिति और निर्णयों पर सबसे अधिक नकारात्मक असर डालता है। बुध का वक्री और अस्त होना विशेष रूप से मिथुन, कन्या, धनु, मीन, और वृषभ राशि वालों के लिए असरकारी होता है, लेकिन यहां हम उन 3 राशियों की चर्चा करेंगे, जिन पर इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। वो भी इन 3 राशियों के जातकों के कारोबार और लव लाइफ पर सबसे अधिक नेगेटिव असर पड़ने की आशंका है। आइए जानते हैं, ये 3 राशियां कौन-सी हैं?
मिथुन राशि
वक्री और अस्त बुध के चलते मिथुन राशि के जातकों को निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। नौकरी में प्रमोशन या नई नौकरी के लिए थोड़ी बाधाएं आ सकती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है, खासकर परीक्षा या महत्वपूर्ण असाइनमेंट के दौरान। यदि आप किसी व्यापार या छोटे कारोबार से जुड़े हैं, तो इस दौरान बिज़नेस में मंदी आ सकती है। पुराने फैसले या काम, जिन्हें आपने पहले किया था, अब दोबारा से सही नहीं लग सकते।
निवेश और साझेदारी में सतर्कता बरतें। रिलेशनशिप में कंफ्यूजन और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। इस दौरान पुराने मुद्दे फिर से उभर सकते हैं। अगर आप शादीशुदा हैं, तो पारिवारिक मामलों में तनाव बढ़ सकता है, जबकि सिंगल जातकों को अपने लव रिलेशनशिप में भ्रम का सामना हो सकता है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को इस दौरान पेशेवर जीवन में निरंतर बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी में अनिश्चितताएं बढ़ सकती हैं, और कार्यस्थल पर संचार समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी ध्यान की कमी हो सकती है, जिससे परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। बिजनेस में पुराने संपर्कों या साझेदारों के साथ रिश्ते में खटास आ सकती है। कोई भी नया निवेश या बड़ा कदम उठाने से बचें, क्योंकि वक्री और अस्त बुध गलतफहमी और नुकसान का कारण बन सकते हैं।
इस समय रिश्तों में भी दूरी और असहमति बढ़ सकती है। यदि आप किसी के साथ नए रिश्ते की शुरुआत करने की सोच रहे हैं, तो पहले स्थिति को समझें, क्योंकि गलतफहमियां और अनसुलझे मुद्दे सामने आ सकते हैं। शादीशुदा जीवन में भी संवाद में समस्या हो सकती है।
मीन राशि
मीन राशि पर भी वक्री और अस्त बुध का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यह आपकी सोच और भावना के साथ जुड़ा होता है। बुध के अस्त होने पर मीन राशि के जातकों को अपनी आंतरिक भावनाओं और विचारों में अस्थिरता महसूस हो सकती है। मीन राशि के जातकों को इस दौरान अपने करियर में धीमी प्रगति का सामना करना पड़ सकता है। कार्य में बाधाएं आ सकती हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मानसिक भ्रम पैदा हो सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी काम में मन नहीं लगेगा और आप कन्फ्यूज़ महसूस कर सकते हैं।
मीन राशि के लिए यह समय व्यापार में पुराने फैसलों को दोबारा देखने और सही कदम उठाने का है। नये व्यापार या निवेश में विशेष सतर्कता बरतें। लव लाइफ के मामले में, मीन राशि वालों को इस दौरान कई पुराने मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। रिश्ते में भावनात्मक असंतुलन भी हो सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।