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Masik Durgashtami 2024: फरवरी में कब है मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत, जानें शुभ तिथि और पूजा विधि

Masik Durgashtami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, दुर्गा अष्टमी हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। आइए इस खबर में दुर्गाष्टमी की शुभ तिथि और मुहूर्त के बारे में जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Feb 16, 2024 13:22
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Masik Durgashtami 2024

Masik Durgashtami 2024: हर माह में दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह में मासिक दुर्गाष्टमी भक्तों के लिए शुभ मानी जाती है। साथ ही दुर्गाष्टमी के दिन व्रत करने का भी विधान है। जो लोग दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं, या मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन्हें माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

बता दें कि हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन साधक मां दुर्गा की पूजा करते हैं साथ ही उन्हें प्रसन्न करने लिए व्रत भी रखते हैं। जो लोग मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखते हैं उन्हें सुख-शांति, शक्ति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आइए आज इस खबर में मासिक दुर्गाष्टमी के व्रत के बारे में सब कुछ जानेंगे।

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मासिक दुर्गाष्टमी की शुभ तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी की शुभ तिथि की शुरुआत 16 फरवरी दिन शुक्रवार यानी आज शाम 5 बजकर 32 मिनट से हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 17 फरवरी दिन शनिवार को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, दुर्गाष्टमी कल यानी 17 फरवरी को है।

मासिक दुर्गाष्टमी की शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त 17 फरवरी 2024 दिन शनिवार को 12 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 59 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में आप मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

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मासिक दुर्गाष्टमी की क्या है पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक दुर्गाष्टमी वाले दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें।

पूजा शुरू करने से पहले घर और मंदिर की अच्छे से सफाई करें।

सफाई करने के बाद मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। साथ ही मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं।

घी का दीपक जलाने के बाद माता दुर्गा को पंचामृत से अभिषेक करें।

स्नान करने बाद माता को कुमकुम का तिलक लगाएं और गुड़हल का फूल जरूर अर्पित करें।

फूल अर्पित करने के बाद माता दुर्गा को मिठाई और फल का भोग अर्पित करें।

उसके बाद दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

पाठ करने के बाद हवन करें, उसके बाद आरती करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 16, 2024 01:22 PM

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