Mangal Gochar 2025: 13 सितंबर 2025 को रात 9 बजकर 34 मिनट पर मंगल ग्रह कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेंगे और 26 अक्टूबर 2025 तक यहीं रहेंगे। वैदिक ज्योतिष में मंगल को साहस, जोश, और कर्मठता के कारक और ग्रहों का सेनापति माना जाता है। यह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं, मकर में मंगल उच्च और कर्क में नीच के हो जाते हैं। तुला राशि के स्वामी शुक्र है। यह राशि मंगल के लिए शत्रु की राशि मानी जाती है। मंगल की उग्र और तेज प्रकृति तुला की शांत और संतुलित ऊर्जा के साथ टकराव पैदा कर सकती है। जिस कारण इस गोचर से कुछ राशियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि मंगल का यह गोचर किन राशि वालों के लिए अच्छा नहीं रहेगा और उन राशि वालों को इसको अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करने होंगे?
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए मंगल का तुला गोचर सातवें भाव को प्रभावित करेगा। यह भाव जीवनसाथी, साझेदारी और वैवाहिक जीवन से जुड़ा है। मंगल, मेष के स्वामी हैं, लेकिन तुला शत्रु की राशि होने के कारण यह गोचर रिश्तों में तनाव, गलतफहमियां और विवाद पैदा कर सकता है। व्यापारिक साझेदारी में भी असहमति या नुकसान की संभावना रहेगी। मंगल की तेज और आक्रामक ऊर्जा तुला के संतुलन के साथ टकरा सकती है, जिससे रिश्तों में अस्थिरता आएगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से पेट या यूरिन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। मंगल की सातवीं दृष्टि पहले भाव पर पड़ेगी, जिससे आत्मविश्वास में कमी और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
उपाय: मंगलवार को हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें और लाल मसूर की दाल का दान करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए मंगल का गोचर चौथे भाव में होगा, जो माता, घर और मानसिक शांति से संबंधित है। मंगल की तेज ऊर्जा इस भाव में पारिवारिक तनाव, खासकर माता या परिवार के बुजुर्गों के साथ मतभेद पैदा कर सकती है। संपत्ति से जुड़े विवाद या गृह प्रवेश जैसे कार्यों में देरी हो सकती है। मंगल की चौथी दृष्टि दसवें भाव पर पड़ेगी, जिससे कार्यस्थल पर अनावश्यक तनाव या सहकर्मियों के साथ झगड़े हो सकते हैं। स्वास्थ्य में छाती, फेफड़े या हृदय संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। कर्क मंगल की नीच राशि है। इस कारण यह प्रभाव और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
उपाय: मंगलवार को गुड़ और गेहूं का दान करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए मंगल का गोचर पहले भाव में होगा, जो व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास से जुड़ा है। मंगल की उग्र प्रकृति तुला की शांत और संतुलित वाइब्स के विपरीत है, जिससे चिड़चिड़ापन, गुस्सा और निर्णय लेने में जल्दबाजी हो सकती है। स्वास्थ्य में सिरदर्द, उच्च रक्तचाप या चोट का खतरा रह सकता है। मंगल की सातवीं दृष्टि सातवें भाव पर पड़ेगी, जिससे जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ तनाव बढ़ सकता है। तुला के स्वामी शुक्र और मंगल के बीच शत्रुता के कारण यह गोचर मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ा सकता है।
उपाय: लाल चंदन की माला से ‘ॐ मंगलाय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें और मंगलवार को लाल फूल हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए मंगल का गोचर दसवें भाव में होगा, जो करियर, सामाजिक स्थिति और पिता से संबंधित है। हालांकि मकर मंगल की उच्च राशि है, तुला में मंगल की शत्रुता के कारण कार्यस्थल पर अत्यधिक दबाव, अधिकारियों से मतभेद या प्रतिस्पर्धा में कठिनाई हो सकती है। मंगल की दसवीं दृष्टि चौथे भाव पर पड़ेगी, जिससे परिवार और काम के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है। स्वास्थ्य में जोड़ों का दर्द या थकान परेशान कर सकती है। यह गोचर अति महत्वाकांक्षा पैदा कर सकता है, जो गलत निर्णयों का कारण बन सकता है।
उपाय: मंगलवार को तांबे का एक सिक्का बहते पानी में प्रवाहित करें और हनुमान मंदिर में तेल का दीपक जलाएं।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए मंगल का गोचर आठवें भाव में होगा, जो रहस्य, परिवर्तन और अनिश्चितता से जुड़ा है। यह गोचर आर्थिक नुकसान, अनावश्यक खर्च या निवेश में जोखिम पैदा कर सकता है। मंगल की आक्रामकता मानसिक तनाव, चिंता और स्वास्थ्य में अचानक समस्याएं खासकर रक्त या मांसपेशियों से संबंधित ला सकती है। मंगल की दूसरी दृष्टि दूसरे भाव पर पड़ेगी, जिससे वाणी में कटुता और पारिवारिक विवाद हो सकते हैं। मीन के स्वामी गुरु और मंगल मित्र हैं, लेकिन तुला में मंगल की कमजोर स्थिति नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
उपाय: मंगलवार को लाल कपड़े में मूंगे का टुकड़ा बांधकर दान करें और ‘ॐ भौमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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