Magh Shraddha 2023: मघा श्राद्ध का महत्व पितृ पक्ष में अधिक होता है। इस श्राद्ध में पूर्वजों के सामान में अनुष्ठान किया जाता है, जो काफी महत्वपूर्ण माना गया है। पंचांग के अनुसार, मघा श्राद्ध 10 अक्टूबर यानी इंदिरा एकादशी के दिन पड़ रहा है। मघा श्राद्ध पितृ पक्ष के अपराह्न काल में किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि मघा नक्षत्र में पितरों को तर्पण, स्नान-दान के लिए बहुत ही अनुकुल होता है। तो आइए मघा श्राद्ध के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मघा श्राद्ध के शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मघा श्राद्ध 10 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन कुतुप मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही रौहिण मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। अपराह्न काल मुहूर्त 1 बजकर 18 मिनट से दोपहर के 3 बजकर 38 मिनट तक हैं। पंचांग के अनुसार, मघा नक्षत्र की शुरुआत 10 अक्टूबर को प्रातकाल 5 बजकर 45 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 अक्टूबर दिन बुधवार को सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगा।
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कैसे किया जाता है मघा श्राद्ध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आश्विन माह में आने वाले मघा नक्षत्र पितृ देवों की श्राद्ध के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। मघा श्राद्ध करने के लिए सबसे पहले जातक को प्रातकाल उठना चाहिए। इसके बाद मघा श्राद्ध पूजा से पहले अपने इष्ट देव को याद करना चाहिए और पूजा करनी चाहिए। बाद में चावल, घी, गाय के दूध, शहद, अक्षत, शुद्ध जल और पुष्प लेनी चाहिए। इसके बाद पितरों की पूजा करें। ऐसी मान्यता है कि मघा श्राद्ध में पितरों की पूजा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही घर में खुशहाली आती है।
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