Maa Durga Favorite Flower Navratri 2023: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और इस दौरान भक्त मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में तल्लीन हैं। शास्त्रों में भी शारदीय नवरात्रि के 9 दिन आदि शक्ति मां जगदम्बा को समर्पित बताए गए हैं। इस दौरान माता के भक्त व्रत रखकर मां दुर्गा के 9 विभिन्न स्वरूपों की प्रतिपदा से क्रमशः नवमी तक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही इस अवधि में मां दुर्गा के भक्त-उपासक माता को मंत्र, पाठ, आरती, धूप, दीप, नैवेद्य और फूल इत्यादि उन्हें अर्पित करते हैं, ताकि माता की कृपा दृष्टि बनी रही। कहते हैं कि मां दुर्गा अपने भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण कर देती हैं, जो उन्हें नवरात्रि के दौरान एक विशेष फूल अर्पित करता है। आइए जानते हैं मां दुर्गा को प्रिय एक फूल के बारे में।
मां दुर्गा को प्रिय है गुड़हल का फूल
सनातन धर्म-शास्त्र और पुराणों के मुताबिक, मां दुर्गा को लाल गुड़हल का फूल बेहद पसंद है। माता को गुड़हल के लाल रंग का ही फूल इसलिए पसंद है क्योंकि लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। यही वजह है कि मां दुर्गा को गुड़हल का लाल फूल सबसे अधिक प्रिय है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान या कभी भी मां दुर्गा को लाल रंग के गुड़हल का फूल अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही साथ मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती है। इतना ही नहीं, जब मां किसी जातक पर प्रसन्न हो जाती हैं, उसे जीवन में फिर किसी भी चीज की कोई कमी नहीं होती है।
कैसे चढ़ाएं मां दुर्गा को लाल गुड़हल के फूल?
धार्मिक ग्रंथों मां दुर्गा की उपसना के लिए विशेष नियम बताए गए हैं। जिसके मुताबिक माता की पूजा-अर्चना करने से मनोनुकूल फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मां दुर्गा को लाल गुड़हल के फूल चढ़ाते समय किन मंत्रों का उच्चारण करना अच्छा रहेगा।
देवी मां को फूल अर्पित करने के मंत्र
मां दुर्गा को फूल चढ़ाने के तीन मंत्र शास्त्रों में बताए गए हैं। वे तीन मंत्र इस प्रकार से हैं। आप भी देवी मां को फूल चढ़ाते समय इन मंत्रों का शुद्ध स्वर में उच्चारण कर सकते हैं।
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1. प्रथम पुष्पांजलि मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
2. द्वितीय पुष्पांजलि मंत्र
ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी ।
आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते ॥
3. तृतीया पुष्पांजलि मंत्र
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥१॥
सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥२॥
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते ॥३॥
4. चतुर्थ पुष्पांजलि मंत्र
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्रयःखभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्दचित्ता।।
5. पंचम पुष्पांजलि मंत्र
ऊँ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
डिस्क्लेमर:यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
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