धन, सुख, वैभव, ऐश्वर्य, प्रेम, वैवाहिक संसर्ग और कामसुख के दाता ग्रह शुक्र 8 मई, 2025 को 02:40 PM बजे से अपनी चाल की दिशा बदल चुके हैं। शुक्र ग्रह अपने क्रांतिवृत्त यानी सूर्य की परिक्रमा पथ पर अब दक्षिणमुखी हो चुके हैं। आपको बता दें कि इससे पहले शुक्र ग्रह 17 जनवरी, 2025 से उत्तरमुखी हुए थे। आइए जानते हैं, शुक्र के दक्षिणमुखी होने का ज्योतिष महत्व क्या है और इस ज्योतिष घटना का लव लाइफ और रिलेशनशिप पर क्या असर पड़ेगा?
दक्षिणमुखी शुक्र का ज्योतिष महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र का प्राकृतिक स्वभाव प्रेम, सौंदर्य, भौतिक सुख-साधन, वैभव और समृद्धि देने वाला माना गया है। जब शुक्र दक्षिणमुखी होते हैं, तो यह इन सभी पहलुओं को गहराई से प्रभावित करते हैं। प्रेम संबंधों पर असर पड़ने के योग बन रहे हैं, कुछ राशियों के सुख में जहां कमी महसूस हो सकती है, वहीं कुछ राशियों के सुख-मौज में बढ़ोतरी हो सकती है। शुक्र का संबंध कला, संगीत, और सौंदर्य से भी है। लिहाज इन क्षेत्रों पर व्यापक असर होगा।
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लव लाइफ पर असर
शुक्र ग्रह प्रेम और आकर्षण के स्वामी और कारक ग्रह हैं। यह व्यक्ति की लव लाइफ पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जब शुक्र ग्रह दक्षिणमुखी होते हैं, तो इसका असर व्यक्तित्व और भावनात्मक संबंधों पर पड़ता है। प्रेम संबंधों में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। अगर आप प्रेम में हैं, तो यह समय अपने साथी के साथ और भी अधिक समय बिताने, बातचीत करने और समझदारी से निर्णय लेने का है। यह स्थिति व्यक्ति को लव लाइफ के प्रति अधिक आकर्षित और सजीव बना सकती है, लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि इस समय कुछ गहरे विचार और समझदारी से रिश्ते को प्रबंधित करना जरूरी है, ताकि कोई गलतफहमी न पैदा हो।
रिलेशनशिप पर असर
शुक्र ग्रह साझेदारी, सहयोग और रिश्तों के स्वामी ग्रह के रूप में जाने जाते हैं। जब वे दक्षिणमुखी होते हैं, तो यह समय रिश्तों में सामंजस्य स्थापित करने का होता है। जीवन में चल रही गलतफहमी या दूरी खत्म हो सकती है। शुक्र का दक्षिणमुखी होने से आपसी साझेदारी, भावनाओं और विचारों के आदान-प्रदान पर असर पड़ेगा। रिश्ते में तालमेल और समझदारी से समस्याओं का समाधान निकलेगा। साथ ही इस समय पुराने रिश्तों को पुनः नया रूप दिया जा सकता है। हालांकि प्रेम और संबंधों में अत्यधिक भावुकता भी आ सकती है, इसलिए किसी भी संबंध को समझदारी से संभालने की आवश्यकता होगी।
दांपत्य जीवन पर असर
शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन में स्त्री-पुरुष के संबंधों, कामलिप्सा, और भोग-विलास का स्वामी ग्रह है। जब यह ग्रह दक्षिणमुखी होते हैं, तो दांपत्य जीवन में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। इस स्थिति में दंपति अपने जीवन साथी के साथ अधिक समय बिता सकते हैं और अपने रिश्ते में नए पहलुओं का अनुभव कर सकते हैं। इससे दांपत्य जीवन में रोमांस और आकर्षण को बढ़ावा मिलता है। हालांकि, कभी-कभी यह स्थिति दंपतियों को कुछ मतभेदों का सामना भी करा सकती है, खासकर जब भावनाओं और इच्छाओं को लेकर स्पष्टता न हो।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।