Jyotish Tips: शास्त्रों में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए बहुत से मंत्र तथा अन्य अनुष्ठान प्रयोग दिए गए हैं। इनके माध्यम से आप दैवीय कृपा प्राप्त कर सकते हैं और स्वयं की तरक्की कर सकते हैं। इनमें से अधिकतर प्रयोग जटिल तथा श्रमसाध्य हैं। फिर भी कुछ प्रयोग ऐसे हैं जिन्हें आम व्यक्ति भी कर सकता है और सफलता प्राप्त कर सकता है।
पंडित कमलेश शास्त्री के अनुसार यदि देवताओं के मंत्र अनुष्ठान के बजाय उनके स्त्रोत सिद्ध किए जाए तो कम समय में ही ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उनके अनुसार बहुत से ऐसे स्त्रोत और स्तुतियां हैं जो कम परिश्रम और समय में सिद्ध हो जाते हैं। इनका तुरंत प्रभाव भी होता है। जानिए ऐसे ही कुछ प्रयोगों के बारे में
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इन दो अनुष्ठानों से बदलेगी आपकी किस्मत (Jyotish Tips)
भाग्य में राजयोग का निर्माण करने के लिए
यदि आपके जीवन में किसी भी तरह की बाधा आ रही है, अथवा शत्रु परेशान कर रहे हैं तो आपको सूर्य की आराधना करनी चाहिए। सूर्य की कृपा से भाग्य में राजयोग का निर्माण होता है और व्यक्ति की किस्मत रातोंरात जाग उठती है। आपको केवल इतना सा करना है कि किसी शुभ दिन (यथासंभव रविवार या संक्रान्ति वाले दिन) और शुभ मुहूर्त में आदित्य ह्रदय स्त्रोत का 1100 बार पाठ करें। इसके बाद प्रतिदिन इसका 7 बार या 11 बार पाठ करें।
इस प्रयोग को करने के बाद आपके जीवन में किसी भी कारण से आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। शत्रु भी शांत हो जाते हैं, साथ ही कॅरियर भी तेजी से ग्रोथ करने लगता है। यदि आप अनुष्ठान के बाद लगातार अगले 40 दिनों तक आदित्य ह्रदय स्त्रोत का रोजाना 108 बार पाठ कर लें तो यह आपकी आर्थिक स्थिति सुधार देगा। आप यदि नया मकान अथवा कार लेना चाहते हैं तो यह प्रयोग आपकी सहायता कर सकता है।
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समस्त संकटों से रक्षा के लिए
यदि घर में किसी प्रकार की नेगेटिव शक्ति है, या किसी ने तंत्र प्रयोग किया है तो उसके लिए राम रक्षा स्त्रोत का प्रयोग करना चाहिए। इसमें भगवान राम से भक्त के शरीर और जीवन की रक्षा करने का प्रार्थना की जाती है। इसे सिद्ध करने का तरीका है कि इसका किसी दिन शुभ मुहूर्त (विशेषकर शनिवार, रामनवमी, होली, दीवाली के दिन) 1100 बार विधिवत पाठ कर लिया जाए। एक बार इस अनुष्ठान को पूर्ण करने के बाद प्रतिदिन 7 बार राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन पर आने वाले सभी संकट नष्ट हो जाते हैं।
राम रक्षा स्त्रोत का अनुष्ठान करने का एक लाभ यह भी है कि इससे हनुमानजी की भी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही उस व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी नकारात्मक शक्तियां स्वयं ही नष्ट हो जाती हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान
इन दोनों ही प्रयोगों को करने के लिए शास्त्रों में कुछ नियम (Jyotish Tips) भी बताए गए हैं। यदि इन नियमों की पालना नहीं की जाए तो अनुष्ठान विफल हो जाएगा। आपको अनुष्ठान काल में कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा। ये बातें इस प्रकार हैं।
- अनुष्ठान काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य के साथ रहना होगा।
- पूरी तरह सात्विक भोजन करना होगा। मांस, मदिरा, अंडा, मछली, लहसुन, प्याज आदि का पूर्ण निषेध करना होगा।
- सभी प्रकार के नशों (जिनमें मदिरा, तंबाकू आदि भी शामिल हैं) से दूर रहना होगा।
- इन प्रयोगों को कभी भी किसी के भी अहित के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा किया तो स्वयं आप पर कष्ट आ जाएगा।
– पंडित कमलेश शास्त्री
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।