Janmashtami 2022: रक्षाबंधन की तरह इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस कि स्थिति बनी हुई है। कुछ लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 18 को तो कुछ 19 अगस्त को बता रहे हैं। इस बार अष्टमी तिथि दो दिन पड़ने के कारण लोगों में भ्रम की स्थिति है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक भदो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त, गुरुवार की रात 09:21 से शुरू हो रही है। अष्टमी तिथि 19 अगस्त को रात 10:50 बजे समाप्त होगी।
विवाह आ रही दिक्कतों के दूर करने लिए मंत्र
अगर विवाह में देरी हो रही है या फिर कोई दिक्कत या परेशानी आ रही है तो इस जन्माष्ट्रमी भागवान कृष्ण का नीचे लिखे मंत्रों से साथ ध्यान कर से ये परेशानी जल्द दूर हो जाएगी और आपके हाथ जल्द पीले होंगे। मान्यता के मुताबिक जन्माष्टमी पर ‘ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा’ मंत्र के साथ कृष्ण कन्हैया का ध्यान करने से आपको मनमाफिक जीवन साथी भी जरूर मिलेगा।
व्रत कब और कैसे रखा जाए?
सुबह स्नान के बाद, व्रतानुष्ठान करके ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जाप करें। पूरे दिन व्रत रखें। फलाहार कर सकते हैं। रात्रि के समय ठीक बारह बजे, लगभग अभिजित मुहूर्त में भगवान की आरती करें। प्रतीक स्वरुप खीरा फोड़ कर शंख ध्वनि से जन्मोत्सव मनाएं। चंद्रमा को अर्घ्य देकर नमस्कार करें। तत्पश्चात मक्खन, मिश्री, धनिया, केले, मिष्ठान आदि का प्रसाद ग्रहण करें और बांटें। अगले दिन नवमी पर नन्दोत्सव मनाएं। भगवान कृष्ण की आराधना के लिए आप
इस मंत्र का करें जाप
ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिशां पते!
नमस्ते रोहिणी कान्त अर्घ्य मे प्रतिगृह्यताम्!!
संतान प्राप्ति के मंत्र
संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्ति, संतान गोपाल मंत्र का जाप पति-पत्नी दोनों मिल कर करें, अवश्य लाभ होगा।
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते!
देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः!!