Gangaur 2023: राजस्थान का प्रसिद्ध त्यौहार गणगौर अगले माह आएगा। इस पर्व को कई जगहों पर गौरी तीज या सौभाग्य तीज भी कहा जाता है। यह पर्व मां पार्वती को समर्पित है और इस दिन उन्हीं की पूजा की जाती है।
आचार्य अनुपम जौली के अनुसार यह पर्व करवा चौथ के समान ही होता है। इसमें कुंवारी लड़कियां और महिलाएं अच्छा पति पाने और पति के साथ सुखद जीवन जीने के लिए व्रत रखती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच भगवान शिव और मां पार्वती जैसा ही सुखद दाम्पत्य संबंध बनता है।
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15 दिन तक चलता है Gangaur 2023 का पर्व
गणगौर का पर्व फाल्गुन माह की पूर्णिमा (होली) के दिन से आरंभ होता है और अगले 17 दिनों तक चलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर मनाया जाता है। इस हिसाब से यह पर्व इस वर्ष 24 मार्च 2023 (शुक्रवार) को आएगा।
क्या है गणगौर का धार्मिक महत्व
गणगौर के व्रत को स्त्री और पुरुषों दोनों के लिए शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से कुंवारी स्त्रियों को अच्छा और सुसंस्कारी पति मिलता है। इसी प्रकार विवाहित महिलाएं इस व्रत को इसलिए करती हैं कि उनका दाम्पत्य जीवन सुखी रहें। बहुत से पुरुष भी इस व्रत को करते हैं ताकि उन्हें एक अच्छी पत्नी मिले।
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कैसे करते हैं गणगौर की पूजा
गणगौर की पूजा के लिए होली के दिन ही पूजा मंडप की स्थापना की जाती है। इसके लिए भगवान शिव और मां पार्वती की मिट्टी से प्रतिमा बनाई जाती है। इन दोनों प्रतिमाओं की प्रतिदिन सुबह रोली, मौली, हल्दी, चावल, फूल, और दूब आदि से पूजा की जाती है। इसके बाद उन्हें चूरमे का भोग लगाकर गणगौर की आरती की जाती है। अंत में गणगौर के दिन इन प्रतिमाओं को विदा कर बहते पानी अथवा किसी पवित्र सरोवर या जल में विसर्जित कर दिया जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।