Holi 2023: पंचांग के अनुसार इस बार होली का पर्व मार्च माह में आ रहा है। देश में बहुत से स्थानों पर होली के एक माह पूर्व होली का डांडा रोपने की भी परंपरा का पालन किया जाता है। जानिए इस वर्ष होली एवं होलाष्टक कब हैं और कब इसका डंडा रोपा जाएगा।
होली कब मनाई जाएगी (Holi Dahan 2023 Date)
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होली का डांडा रोपने का दिन – माघ माह की पूर्णिमा, 5 फरवरी 2023 (रविवार)
होलाष्टक आरंभ होने का समय – 27 फरवरी 2023 (सोमवार)
होलाष्टक समाप्त होने का समय – 7 मार्च 2023 (मंगलवार)
होलिका दहन का पर्व – 7 मार्च 2023 (मंगलवार)
होली का पर्व – 8 मार्च 2023 (बुधवार)
क्या है होली का डांडा रोपने की प्रथा
होली का डांडा वास्तव में भक्त प्रहलाद और उसकी बुआ होलिका का प्रतीक है। इस प्रथा के तहत नगर या ग्राम के जिस चौराहे पर होली जलाई जानी है, वहां पर दो डांडे रोपे (गाड़े) जाते हैं। इनमें से एक भक्त प्रहलाद स्वरूप होता है, दूसरा होलिका का प्रतीक होता है। होलिका दहन के समय इनमें से भक्त प्रहलाद के प्रतीक स्वरूप को बचा लिया जाता है जबकि होलिका को जलने दिया जाता है। यह एक तरह से अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।
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होलाष्टक क्या होते हैं (Holi 2023 and Holashtak)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भक्त प्रहलाद को भगवान विष्णु की पूजा करने के कारण बहुत कष्ट झेलना पड़ा था। कथाओं में कहा गया है कि हिरण्यकश्यप ने अपने अपने पुत्र प्रहलाद को विष्णु भक्ति छोड़ने के लिए अंतिम अवसर दिया था। इस दौरान उसे भारी कष्ट दिए गए, अंत में उसका वध करने के लिए हिरण्यकश्यप ने स्वयं कदम उठा लिया था। माना जाता है कि कुल 8 दिनों तक प्रहलाद को कष्ट भोगने पड़े थे। इन्हीं दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। हालांकि अंत में भी प्रहलाद बच गया था। किंतु उसके पिता हिरण्यकश्यप और बुआ होलिका को अपने प्राण से हाथ धोना पड़ा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।