Hanumanji ke upay: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय का देवता और हनुमानजी को शनि का आराध्य बताया गया है। रामचरितमानस में भी एक स्थान पर आया है कि शनि को रावण ने अपने सिंहासन के नीचे बांध रखा था। मां सीता की खोज में जाते समय हनुमानजी ने शनि को मुक्त कर दिया था। इसके बाद से ही शनि ने हनुमान भक्तों को निर्भय होने का वर दिया था।
यदि आपकी जन्मकुंडली में भी शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही हो तो बजरंग बली की आराधना से सब संकट दूर होंगे। इस बार 6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व आ रहा है। इस दिन कुछ आसान से उपाय करके आप शनि के अशुभ प्रभाव को शुभ बना सकते हैं। जानिए हनुमानजी के उपायों के बारे में
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ऐसे करें हनुमानजी के ये उपाय (Hanumanji ke upay)
- हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखें। प्रभु के मंदिर में जाकर भगवान सीताराम सहित उनकी पूजा करें और चमेली के तेल का दीपक जलाकर 11 बार हनुमानचालिसा का पाठ करें। इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ फल समाप्त होता है।
- हनुमान जन्मोत्सव पर शुभ मुहूर्त में 1100 बार हनुमानबाहुक का पाठ कर लें। इसके बाद प्रतिदिन 7 बार हनुमान बाहुक का जप करें। इससे असाध्य रोग भी शांत हो जाते हैं। रोग निवारण के लिए यह सर्वोत्तम उपाय माना गया है।
- किसी भी मंगलवार या शनिवार से आरंभ करके प्रतिदिन रात्रि 9 बजे बाद सुंदरकांड का पाठ करें। पाठ के बाद बजरंग बली को गुड़-चने का भोग चढ़ाएं। इसे स्वयं ग्रहण करें तथा परिजनों को भी बांटें। ऐसा करने से अगले 6 महीने में आपके ऊपर आने वाले सभी संकट दूर हो जाएंगे। साथ ही हनुमानजी के भी दर्शन होंगे।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।