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Guruwar Upay: कवच की तरह रक्षा करता है गुरु ग्रह का ये स्तोत्र, वैवाहिक जीवन की सारी समस्या हो जाएगी खत्म

Guruwar Upay: किसी भी जातक की कुंडली से उसके भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जातक की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रहों के योग बताए गए हैं, जिनसे व्यक्ति के कार्यक्षेत्र के बारे में जान सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में जैसे ग्रहों के योग होते हैं, […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 20, 2023 20:24
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Guruwar Upay stotra of Jupiter protects all problems
Guruwar Upay stotra of Jupiter protects all problems

Guruwar Upay: किसी भी जातक की कुंडली से उसके भविष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जातक की कुंडली में कुछ ऐसे ग्रहों के योग बताए गए हैं, जिनसे व्यक्ति के कार्यक्षेत्र के बारे में जान सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में जैसे ग्रहों के योग होते हैं, वैसे ही जातक अपने जीवन में कार्य करता है। कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति का सफलता उसके योग्यता व कर्मों पर निर्भर होती है। आज इस खबर में जानने वाले हैं कुंडली में राजयोग कैसे प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को किस तरह कुशाग्र बनाकर मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा का अधिकारी बन सकते हैं।

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यदि कोई जातक अपनी नौकरी में प्रमोशन या आय में वृद्ध करवाना चाहते हैं या पढ़ाई के क्षेत्र से संबंधित किसी भी समस्या का हल निकालना चाहते हैं, तो ज्योतिष शास्त्र में उपाय बताए गए हैं। इसके लिए जातक को बृहस्पति वार के दिन बृहस्पति कवच का पाठ करना पड़ता है। इस पाठ को करने से व्यक्ती की सारी मनोकामानाएं पूर्ण हो जाती है। तो आइए जानते हैं गुरु कवच स्तोत्र का पाठ के बारे में।

गुरु कवच स्तोत्र का पाठ

ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।

पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥

पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥

नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।

वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥

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भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।

संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥

ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।

सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥

रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।

जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥

डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।

मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥

महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Sep 20, 2023 08:24 PM

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