Guru Gochar: जून माह में कई महत्वपूर्ण ग्रहों का गोचर हो रहा है। इनके चलते सभी राशियों पर न्यूनाधिक असर पड़ेगा। इसी क्रम में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस अर्थात् 21 जून को बृहस्पति का भरणी नक्षत्र में गोचर हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह को माना गया है। ऐसे में गुरु और शुक्र की युति बनना अपने आप में एक अनोखी घटना है जिसका व्यापक प्रभाव होगा।
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क्या है भरणी नक्षत्र
वैदिक ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र माने गए हैं। सरल शब्दों में कहें तो पूरे दृश्य अंतरिक्ष को कुल 27 भागों में विभक्त किया गया है जिन्हें नक्षत्र कहा जाता है। इन्हें अलग-अलग नाम देकर अलग-अलग देवताओं से जोड़ा गया है। इसी के आधार पर इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले जातकों का भविष्यफल बताया जाता है।
ज्योतिष में भरणी नक्षत्र को शुक्र ग्रह द्वारा शासित बताया गया है। इसे इच्छा, त्याग, ईर्ष्या का नक्षत्र भी कहा गया है। इस पर यमदेव का भी शासन माना गया है। अतः इस नक्षत्र से प्रभावित लोगों में एक अलग ही तरह की भावना होती है। ऐसे में गुरु का भरणी नक्षत्र में प्रवेश करना सभी राशियों के लिए अलग-अलग फल लेकर आएगा।
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क्या होगा भरणी में गुरु के गोचर का फल (Guru Gochar)
बृहस्पति ग्रह तथा भरणी नक्षत्र दोनों के ही शुभ होने के काऱण यह गोचर सामान्यतया शुभ फलदायक ही रहेगा। हालांकि कुछ राशियों के लिए यह समस्याएं खड़ी कर सकता है। मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, तुला और धनु राशियों के लिए गुरु का गोचर बहुत ही शुभ रहने वाला है। इसी प्रकार कर्क, कन्या, मीन राशि के लिए यह सामान्य रहेगा। जबकि शेष राशियों के जातकों को इस समयावधि में कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।