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भारत के इस गांव में थे 108 मंदिर और 108 तालाब, आज भी दुनिया देख कर चौंक जाती हैं

Maluti Village: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां हर गांव, कस्बे और शहर में मंदिर दिखाई देते हैं जो न केवल अपने आप में अनूठे हैं वरन स्थापत्य कला का भी उत्कृष्ट उदाहरण हैं। परन्तु क्या आप विश्वास करेंगे कि एक ही गांव में 108 मंदिर और 108 सरोवर हों। जी हां, […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Apr 24, 2023 16:05
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Maluti Village: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां हर गांव, कस्बे और शहर में मंदिर दिखाई देते हैं जो न केवल अपने आप में अनूठे हैं वरन स्थापत्य कला का भी उत्कृष्ट उदाहरण हैं। परन्तु क्या आप विश्वास करेंगे कि एक ही गांव में 108 मंदिर और 108 सरोवर हों।

जी हां, पश्चिम बंगाल और झारखंड की मध्य सीमा पर दुमका जिले में एक गांव है। इस गांव को ‘मंदिरों के गांव-मलूटी’ के नाम से जाना जाता है। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यहां बने हुए टेराकोटा शैली के मंदिर हैं। ये मंदिर अलग-अलग नहीं बने हुए हैं वरन एक पूरी श्रृंखला के रूप में बने हुए हैं।

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क्यों खास है मलूटी गांव

किसी समय इस गांव में पूरे 108 मंदिर और 108 सरोवर थे। यह पूरा गांव ही मंदिरों का गांव कहलाता था। धीरे-धीरे सार-संभाल के अभाव में यहां के काफी मंदिर नष्ट हो गए। वर्ष 2015 में राज्य सरकार की पहल पर केन्द्र सरकार ने मलूटी गांव के जीर्णोद्धार का कार्य अपने हाथ में लिया। यहां पर अभी 108 में से केवल 72 मंदिर ही अपने मूल स्वरूप में बचे रह पाए हैं, शेष समय के थपेड़ों में नष्ट हो गए। इसी तरह यहां स्थित कुल 108 तालाबों में से 65 तालाब ही बच पाए हैं, शेष लुप्त हो चुके हैं।

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125 वर्षों में पूरा हुआ था मंदिर बनाने का काम

गांव में स्थित प्राचीन शिलालेखों के अनुसार इन मंदिरों का निर्माण ईस्वी संवत 1720 में शुरू हुआ था और 1845 में जाकर पूर्ण हुआ। शिलालेखों पर बांग्ला, संस्कृत और प्राकृत भाषा में मंदिरों के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई है। इन मंदिरों का निर्माण राजा बाज बसंत राय तथा राजा राखड़ चंद्र राय एवं उन दोनों के वंशजों के द्वारा करवाया गया था।

इन मंदिरों को छोटी-छोटी ईंटों से बनाया गया है। मंदिरों की न्यूनतम ऊंचाई 15 फीट एवं अधिकतम ऊंचाई 60 फीट रखी गई है। इन मंदिरों को टैराकोटा शैली में निर्मित किया गया है। मंदिरों के बाहर रामायण के विभिन्न प्रसंग भी निर्मित किए गए हैं जिन्हें मिट्टी के बड़े से फ्रेम पर बना कर मिट्टी में पकाकर बनाया गया है।

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इन देवताओं के हैं मंदिर

हिंदू धर्म में पूज्य माने गए लगभग सभी देवी-देवताओं के मंदिर यहां पर मिल जाएंगे। मलूटी गांव के चारों ओर भगवान विष्णु, भगवान शिव, काली, दुर्गा, मनसा देवी, धर्मरा तथा मां मौलिक्षा देवी के मंदिर निर्मित किए गए हैं। राज्य सरकार इस गांव को यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने के प्रयासों में जुटी हुई है। वर्ष 2015 में तत्कालीन अमरीकी प्रधानमंत्री बराक ओबामा भी यहां आकर आश्चर्यचकित हो चुके हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Edited By

Sunil Sharma

First published on: Apr 24, 2023 03:10 PM

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