Gupt Navratri: आषाढ़ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि की शुरूआत 19 जून 2023 (सोमवार) से होगी। इस बार सावन माह में अधिक मास भी आ रहा है जिसके कारण गुप्त नवरात्रि लगभग 20 दिन पहले ही आरंभ हो रहे हैं। पहले दिन घट स्थापना के बाद साधक अपनी-अपनी इष्टदेव तथा गुरु परंपरा के अनुसार मां भगवती के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करेंगे। उल्लेखनीय है कि गुप्त नवरात्रियों में दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है।
दस महाविद्याओं में देवी के दस स्वरूप मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला की पूजा की जाएगी। इन सभी स्वरूपों की आराधना अलग-अलग फल देती है। देवी काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी तथा मां त्रिपुर भैरवी की साधना साधकों को मोक्ष देने वाली है जबकि अन्य देवियों की साधना से सांसारिक इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
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घटस्थापना के लिए ये हैं सर्वाधिक शुभ मुहूर्त (Gupt Navratri Shubh Muhurat)
घटस्थापना के लिए अमृत का चौघड़िया सुबह 5.37 से 7.30 बजे तक तथा शुभ का चौघड़िया सुबह 9.03 से 10.45 बजे तक रहेगा। इसके अलावा भी घट स्थापना वाले दिन कई अन्य शुभ योग बन रहे हैं जिनमें पूजा का आरंभ किया जा सकेगा।
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गुप्त नवरात्रि में बनेंगे ये शुभ योग
आचार्य अनुपम जौली ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में अमृत सिद्धि, रवि योग तथा सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग जैसे कई अत्यन्त शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ योगों में ज्वैलरी, वाहन, भूमि, प्रॉपर्टी आदि खरीदना शुभ रहेगा। पंचांग के अनुसार 19 जून को वृद्धि योग, 20 को त्रिपुष्कर योग, 21 को राज योग, 22 को रवि योग, 23 को कुमार योग, 24 को रवि योग, 25 को राज व रवि योग, त्रिपुष्कर, सर्वार्थसिद्धि योग एवं 27 जून को रवियोग रहेगा। साथ ही भड़ल्या नवमी का अबूझ सावा 27 जून को रहेगा।
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