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Dus Mahavidya: भगवती के इन 10 स्वरूपों की पूजा से भक्त बन जाते हैं शिव के समान, दूर होता है दुर्भाग्य

Dus Mahavidya: हिंदू धर्म में ईश्वर को स्त्री और पुरुष, दोनों रुपों में माना गया है। स्त्री रूप में उन्हें आद्यशक्ति भगवती कहा गया है, जिनकी नवदुर्गा रुप में पूजा की जाती है। इसके अलावा भी उन्हें अनेकों अन्य रूपों में पूजा जाता है। दस महाविद्या भी मां भगवती के ऐसे ही दस स्वरूप हैं। […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: May 13, 2023 13:20
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Dus Mahavidya: हिंदू धर्म में ईश्वर को स्त्री और पुरुष, दोनों रुपों में माना गया है। स्त्री रूप में उन्हें आद्यशक्ति भगवती कहा गया है, जिनकी नवदुर्गा रुप में पूजा की जाती है। इसके अलावा भी उन्हें अनेकों अन्य रूपों में पूजा जाता है। दस महाविद्या भी मां भगवती के ऐसे ही दस स्वरूप हैं।

आचार्य अनुपम जौली के अनुसार यदि कोई साधक इन दस महाविद्याओं में से किसी एक को भी सिद्ध कर लें तो वह स्वयं ईश्वर समान ही बन जाता है। जानिए इन दस महाविद्याओं के बारे में

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क्या हैं दस महाविद्याओं के नाम (Dus Mahavidya)

  1. काली: इनमें सभी दस महाविद्याओं में प्रथमा तथा प्रमुख देवी माना गया है। ये अत्यन्त ही शक्तिशाली तथा प्रचंड स्वरूपवाली हैं। इनके नामस्मरण मात्र से ही दुष्ट शक्तियां भाग जाती हैं। इनकी पूजा से व्यक्ति को विद्यासंपन्न होने का आशीर्वाद मिलता है।
  2. तारा: यह भी मां काली का ही दूसरा स्वरूप हैं। इन्हें नीलतारा, नीलसरस्वती तथा एकजटा भी कहा जाता है। इनकी पूजा श्मशान में की जाती है। इनकी आराधना करने से व्यक्ति इस भवसागर से पार हो जाता है, इसीलिए इन्हें तारा कहा जाता है।
  3. त्रिपुरसुंदरी: समस्त दस महाविद्याओं में यह स्वरूप सर्वाधिक सौम्य और शांत है। इनकी प्रसन्नता प्राप्त होने पर भक्तों को मोक्ष और भोग दोनों ही प्राप्त होते हैं। इन्हें राजराजेश्वरी तथा ललिता भी कहा जाता है।
  4. भुवनेश्वरी: मां के इस स्वरूप की आराधना से व्यक्ति में सूर्य के समान तेज आ जाता है। प्रबल से प्रबल शत्रु भी उसके सामने परास्त हो जाते हैं। इनके भक्त की आज्ञा तीनों लोकों में मान्य होती है।
  5. छिन्नमस्ता: यह देवी का अत्यन्त उग्र स्वरुप हैं। इनकी आराधना भी श्मशान में की जाती है। इनकी स्तुति द्वारा व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं को सहज ही पूरा कर सकता है।
  6. भैरवी: देवी के इस स्वरूप की आराधना से व्यक्ति के समस्त बंधन कट जाते हैं। भक्तों का भाग्योदय होता है और उनके घर में साक्षात लक्ष्मी का वास हो जाता है।
  7. धूमावती: दस महाविद्याओं में एक धूमावती की आराधना किसी महान विपत्ति से बाहर निकलने के लिए की जाती है। इनकी पूजा करने मात्र से ही व्यक्ति का दुर्भाग्य और समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।
  8. बगलामुखी: मां बगलामुखी की आराधना शत्रुओं से मुक्ति प्रदान करने वाली है। जिस भी व्यक्ति पर ये प्रसन्न हो जाएं, उस व्यक्ति का कभी कोई शत्रु हो ही नहीं सकता। उसे जीवन में सभी चीजें बिना मांगे अपने आप ही मिलती रहती हैं।
  9. मातंगी: गृहस्थ जीवन को सफल बनाने तथा समस्त प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति के लिए मां मातंगी की पूजा की जाती है। इन्हें सिद्ध करने से व्यक्ति को समस्त प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त हो जाते हैं।
  10. कमला: यह भी एक सौम्य महाविद्या है, जिनकी आराधना कोई भी भक्त अपने घर पर कर सकता है। इनके आशीर्वाद से व्यक्ति को सुख, समृद्धि तथा सौभाग्य का वर मिलता है। इनका भक्त राजा के समान जीवन जीता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: May 13, 2023 01:19 PM

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