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रामायण के इस एक मंत्र के जप से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव, राम और हनुमानजी, पूरी करते हैं हर अभिलाषा

Ramayan Mantra: भगवान राम की आराधना करने से न केवल हनुमानजी वरन भगवान शिव भी प्रसन्न हो जाते हैं। इन दोनों देवताओं की कृपा मात्र से ही भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि किसी भी प्रकार के ग्रह दोष होने की स्थिति में सभी ज्योतिषी अखंड रामायण पाठ अथवा […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 2, 2023 17:24
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Ramayan Mantra: भगवान राम की आराधना करने से न केवल हनुमानजी वरन भगवान शिव भी प्रसन्न हो जाते हैं। इन दोनों देवताओं की कृपा मात्र से ही भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। यही कारण है कि किसी भी प्रकार के ग्रह दोष होने की स्थिति में सभी ज्योतिषी अखंड रामायण पाठ अथवा सुंदर कांड के पाठ की सलाह देते हैं।

इन दोनों ही उपायों में बहुत ज्यादा समय लगता है जिसकी वजह से सभी लोग इसे नहीं कर पाते हैं। ऐसे में ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार एक श्लोकी रामायण का प्रतिदिन 108 बार पाठ कर लेना चाहिए। यह एक अत्यन्त प्रचंड शक्तिशाली मंत्र है जिसमें पूरी रामायण का सार समाया हुआ है और इसके पाठ से भी पूरी रामायण पढ़ने जितना ही पुण्य मिलता है।

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कैसे करें एक श्लोकी रामायण मंत्र का प्रयोग (Ek Shloki Ramayan Mantra)

इस मंत्र का प्रयोग बहुत ही साधारण है हालांकि इसे आपातकाल यानि बहुत ही इमरजेंसी में उपयोग करना चाहिए। जब भी आपको इस मंत्र का प्रयोग करना हो तो शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में गणपति की पूजा करें। तत्पश्चात भगवान शिव, मां पार्वती और रामदरबार की पूजा करें। हनुमानजी की पूजा करें। इसके बाद भगवान राम का ध्यान करते हुए एक श्लोकी रामायण मंत्र का 108 बार पाठ करें। मंत्र इस प्रकार है

आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुंभकर्ण हननम्, ऐतद्धि रामायणम्।।

अर्थात्: श्रीराम वनवास गए, वहां स्वर्ण मृग का वध किया। वैदेही यानी सीताजी का रावण ने हरण कर लिया, रावण के हाथों जटायु ने अपने प्राण गंवा दिए। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। बालि का वध किया, समुद्र पार किया, लंकापुरी का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया। ये रामायण का सार है।

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रोजाना जप करेंगे तो बदलेगी किस्मत

यह एक श्लोकी मंत्र इतना अधिक प्रभावशाली है कि यदि इसका प्रतिदिन 11 या 21 बार पाठ किया जाए तो जीवन की सभी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं। यदि भक्तों पर किसी तरह का कोई आकस्मिक संकट आने वाला होता है तो वह भी टल जाता है। अकाल मृत्यु और दुर्घटना के योग समाप्त होते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Aug 02, 2023 05:21 PM

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