Draupdi Vivah Story: जब भी महाभारत या द्रौपदी की चर्चा आती है तो बहुत से प्रश्न सामने आकर खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक प्रश्न है कि द्रौपदी ने कर्ण से विवाह क्यों नहीं किया था। कर्ण हर तरह से अर्जुन के मुकाबले बेहतर था, उसमें समस्त गुण थे फिर भी द्रौपदी ने उसे नहीं चुना। इसके पीछे वेदव्यासजी महाभारत में कई गुप्त संकेत भी देते हैं। इन संकेतों को ध्यान से समझा जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि ऐसा क्यों हुआ था। जानिए इस बारे में
महाभारत की कथा वस्तुत: भरत वंश के दो राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर के आपसी संघर्ष की कथा है। इस कथा में कृष्ण भी आते हैं और जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी बातें भी। द्रौपदी के जन्म की एक कथा है। इस कथा के अनुसार राजा द्रुपद ने द्रोणाचार्य का अपमान किया था। इस अपमान से दुखी होकर द्रोणाचार्य ने पांचों पांडवों के सहयोग से द्रुपद को बंदी बना कर उसे अपमानित किया। द्रोणाचार्य शस्त्र विद्या में हर तरह से द्रुपद से बेहतर थे, इसलिए वह प्रतिकार नहीं कर सका।
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इसलिए हुआ था द्रौपदी का जन्म (Draupdi Vivah Story)
ऐसे में द्रोणाचार्य के वध के लिए ब्राह्मणों के सहयोग से उसने एक यज्ञ किया। उस यज्ञ से जुड़वा संतान उत्पन्न हुई, जिनमें कन्या का नाम द्रौपदी और बालक का नाम धृष्टद्युम्न रखा गया। इनके जीवन का उद्देश्य ही द्रोणाचार्य का वध था। यही कारण था कि द्रौपदी के लिए राजा द्रुपद ऐसा वर ढूंढ रहे थे जो द्रोणाचार्य को शस्त्र विद्या में हरा सकें।
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