अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी सख्त और विवादित नीतियों के लिए जाने जाते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया है। अगर उनकी कुंडली को देखा जाए तो इसमें साफ संकेत मिलते हैं कि वे ऐसे कठोर कदम क्यों उठाते हैं। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने के पीछे मुख्य कारण रूस से तेल खरीदना बताया है। उनका कहना है कि अगर भारत आदि सभी देश रूस से व्यापार नहीं करेंगे तो उसपर आर्थिक दबाव बढ़ेगा। इससे वह यूक्रेन से युद्ध खत्म कर सकता है।
हालांकि एक्सपर्ट्स की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप खुद की छवि शांतिप्रिय नेता की बनाना चाहते हैं, हालांकि उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि ‘मैं चाहे कुछ भी कर लूं लेकिन मुझे नोबेल नहीं मिलेगा’, लेकिन इसके बाद भी उनकी नीतियों में साफ झलक रहा है कि वे किसी भी तरह से खुद की छवि एक शांतिप्रिय नेता की बनाना चाहते हैं। इसके उलट डोनाल्ड ट्रंप की कुंडली की बात करें तो पब्लिक डोमेन से मिली जानकारी के अनुसार उनका 14 जून 1946 में न्यूयॉर्क के जमैका में सुबह 10.54 मिनट पर हुआ था। डोनाल्ड ट्रंप की कुंडली देखने पर ज्योतिषाचार्य पं. सत्यम विष्णु अवस्थी बताते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप बेहद ही गुस्सैल स्वभाव के व्यक्ति होंगे। इनकी राशि वृश्चिक है। डोनाल्ड ट्रंप अपनी बातों के पक्के कभी नहीं रहेंगे।
क्या कहती है डोनाल्ड ट्रंप की कुंडली?
डोनाल्ड ट्रप की लग्न राशि मिथुन है और इसमें मंगल बैठे हुए हैं। इसके साथ ही दूसरे भाव में वक्री अवस्था में गुरु हैं। पहला यानी की लग्न भाव व्यक्ति की पर्सनैलिटी को दर्शाता है। पहले भाव में मंगल का होना व्यक्ति को साहसी, ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा बनाता है। हालांकि ऐसे व्यक्ति में गुस्सा, आक्रमकता और संघर्ष करने की प्रवृत्ति भी होती है। इनमें धैर्य की भी कमी होती है ये दबाव रहना पसंद नहीं करते हैं। जो डोनाल्ड ट्रंप के स्वभाव में साफ दिखता है। भारत पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला भी ट्रंप की इसी प्रवृत्ति का परिणाम है।
दूसरे भाव में वक्री गुरु
दूसरा भाव धन और आर्थिक नीतियों का होता है। ट्रंप की कुंडली में यहां वक्री गुरु बैठा है, जिससे संकेत मिलता है कि ट्रंप के आर्थिक फैसले अक्सर विवाद खड़े करेंगे। पैसा और व्यापार बढ़ाने के लिए वे कट्टर और एकतरफा नीतियां अपनाने में विश्वास रखते हैं।
दसवें भाव में सूर्य और राहु
दसवां भाव करियर और सत्ता का घर होता है। यहां सूर्य और राहु का साथ व्यक्ति को बड़ी महत्वाकांक्षा और ताकत देता है। हालांकि राहु के कारण यह महत्वाकांक्षा कई बार अति स्वार्थी हो जाती है। इसी वजह से ट्रंप ने हमेशा अमेरिका के फायदे को पहले रखा और बाकी देशों को दबाव में रखने की कोशिश की।
चौथे भाव में चंद्रमा और केतु
चौथे भाव में चंद्रमा और केतु होने से मन अस्थिर और जिद्दी बनता है। ऐसे लोग अक्सर अपनी शर्तों पर चलते हैं और समझौते से बचते हैं। यही कारण है कि ट्रंप भारत जैसे देशों के साथ भी नरमी दिखाने से कतराते रहे हैं।
11वें भाव में बुध
ट्रंप की कुंडली के 11वें भाव में बुध हैं। इसका मतलब है कि ट्रंप के लिए लाभ कमाना, नए संबंध बनाना और रणनीति के माध्यम से पैसा कमाना आसान है।
12वें भाव में शनि और शुक्र
इस भाव में ये दोनों ग्रह मिलकर यह संकेत देते हैं कि ट्रंप विदेशी निवेश और संपत्ति में माहिर हैं, लेकिन निजी जीवन या मानसिक शांति में चुनौती रहती है।
क्या मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार?
ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना बेहद ही टफ है। उनकी कुंडली के अनुसार उनको नोबेल पुरस्कार पाने में काफी पापड़ बेलने पड़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट में मौजूद डोनाल्ड ट्रंप की जन्मतिथि पर आधारित कुंडली के अनुसार है। यह केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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