Daily Horoscope: हिंदू पंचांग के अनुसार, 9 जून 2025 को त्रयोदशी तिथि सुबह 9:35 बजे तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। विशाखा नक्षत्र दोपहर 3:31 बजे तक रहेगा, फिर अनुराधा नक्षत्र लगेगा। शिव योग शाम 1:09 बजे तक रहेगा, इसके बाद सिद्ध योग शुरू होगा। करण में तैतिल सुबह 9:35 बजे तक, फिर गर करण शाम 10:38 बजे तक, और इसके बाद वणिज करण रहेगा।
ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा सुबह 8:50 बजे तक तुला राशि में रहेगा, फिर वृश्चिक राशि में नीच का हो जाएगा। सूर्य वृषभ में, बुध और शुक्र मिथुन में, मंगल और केतु सिंह में, शनि मीन में, और राहु कुंभ में रहेंगे। चंद्रमा का नीच होना और मंगल-केतु की युति कुछ राशियों के लिए स्वास्थ्य, धन, और करियर में चुनौतियां ला सकती है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी राशियां हैं, जिनके लिए यह दिन चुनौतिपूर्ण रहेगा और इस दिन को शुभ बनाने के लिए क्या उपाय करें?
मेष राशि
मंगल और केतु की युति आपके आठवें भाव में होगी, जिससे अचानक जोखिम, स्वास्थ्य समस्याएं, या अप्रत्याशित घटनाएं हो सकती हैं। यह युति दुर्घटना, गुप्त शत्रुओं, या वित्तीय नुकसान की आशंका बढ़ा सकती है। चंद्रमा सुबह 8:50 बजे के बाद आपके दूसरे भाव में वृश्चिक राशि में नीच का होगा, जिससे वित्तीय मामलों में तनाव, वाणी में कटुता, या पारिवारिक गलतफहमियां हो सकती हैं। चतुर्दशी तिथि और विशाखा नक्षत्र के प्रभाव से जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसानदायक हो सकते हैं। शिव योग और सिद्ध योग दोपहर के बाद कुछ राहत दे सकते हैं, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।
उपाय: हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाएं और मंगल के लिए लाल मसूर दाल का दान करें।
कन्या राशि
चंद्रमा आपके तीसरे भाव में तुला से वृश्चिक में जाएगा, जिससे संचार में गलतफहमियां, छोटी यात्राओं में रुकावटें, या भाई-बहनों के साथ तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति बारहवें भाव में होने से अचानक खर्च, स्वास्थ्य समस्याएं, या छिपे हुए शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। चतुर्दशी तिथि और विशाखा नक्षत्र के प्रभाव से जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान पहुंचा सकते हैं। शिव योग और सिद्ध योग कुछ राहत देंगे, लेकिन सावधानी जरूरी है।
उपाय: विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और मंगल के लिए लाल कपड़ा दान करें।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा सुबह 8:50 बजे के बाद आपके पहले भाव में वृश्चिक राशि में नीच का होगा, जिससे आत्मविश्वास में कमी, भावनात्मक अस्थिरता, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे सिरदर्द या तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति दसवें भाव में होने से करियर में अचानक रुकावटें, बॉस या सहकर्मियों के साथ तनाव, या प्रोजेक्ट्स में देरी हो सकती है। चतुर्दशी तिथि और विशाखा नक्षत्र के प्रभाव से जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान पहुंचा सकते हैं। शिव योग दोपहर तक कुछ राहत देगा, लेकिन सिद्ध योग के बाद भी सावधानी जरूरी है।
उपाय: शिवलिंग पर जल और बिल्वपत्र अर्पित करें। चंद्रमा के लिए दूध और चावल का दान करें।
कुंभ राशि
राहु आपके पहले भाव में और चंद्रमा नौवें भाव में तुला से वृश्चिक में जाएगा, जिससे भाग्य और निर्णयों में भ्रम, मानसिक तनाव, या यात्रा से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति सातवें भाव में होने से रिश्तों में तनाव, साझेदारी में गलतफहमियां, या व्यापार में नुकसान की आशंका है। चतुर्दशी तिथि और विशाखा नक्षत्र के प्रभाव से जोखिम भरे निर्णय नुकसानदायक हो सकते हैं। सिद्ध योग के बाद कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन सावधानी बरतें।
उपाय: गणेश जी को लड्डू चढ़ाएं और राहु के लिए नारियल पानी का दान करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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