Bheruji ke Upay: ज्योतिषीय पंचांग में अष्टमी तिथि भगवान शिव के रौद्र अवतार भैरव को समर्पित की गई है। इसी वजह से इस दिन भैरव की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी के दिन ही महादेव ने स्वयं का भैरव रुप प्रकट किया था।
भैरव को भी हनुमानजी के समान ही तुरंत प्रसन्न होने वाला देवता माना गया है। वह जिसके भी सिर पर हाथ रख देते हैं, फिर पूरे संसार में कोई भी उसका बाल बांका नहीं कर सकता है। पंचांग के अनुसार आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। आचार्य अनुपम जौली से जानिए भैरव के उपायों के बारे में जो आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।
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अष्टमी पर करें ये उपाय (Bheruji ke Upay)
समस्त प्रकार के डर का नाश करने के लिए
यदि आपको किसी भी बात से डर लगता है या आप मानसिक चिंताओं से ग्रस्त हैं तो इस उपाय को कर सकते हैं। इसके लिए आपको अष्टमी की रात को 9 बजे बाद भैरव का पूजन करना चाहिए। इसके बाद उनके महामंत्र ‘ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं’ का 11 बार जप करें। इससे आपके सभी प्रकार का डर समाप्त हो जाएगा।
शत्रुओं के नाश के लिए
भैरव भगवान शिव का रौद्र रूप है। बहुत से साधु-संत भी उनकी तंत्र-मंत्र में आराधना कर सिद्धियां प्राप्त करते हैं। अगर प्रतिदिन नियमपूर्वक भैरव चालिसा का पाठ किया जाए तो समस्त शत्रुओं का स्वतः ही नाश हो जाता है। परन्तु जितने दिन भी आप यह उपाय करें, मांस, मदिरा, नशे से पूर्णतया दूर रहें।
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धन प्राप्ति के लिए
अष्टमी के दिन अपने घर पर शमी का पौधा लेकर आए। उसे घर में लगाएं तथा उसे प्रतिदिन पानी से सींचें। इसके बाद भैरव के दर्शन करें तथा उन्हें पुष्प चढ़ाएं। इससे शीघ्र ही धन प्राप्ति का योग बनता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।