Bhairav ke Upay: वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह अथवा आभासी ग्रह माना गया है। ये जिस भी ग्रह के साथ होते हैं, उसी के प्रभाव को कई गुणा बढ़ा देते हैं। इन्हें नेगेटिव माना जाता है, यही कारण है कि किसी भी जन्मकुंडली को देखते समय सर्वाधिक विचार राहु और केतु पर ही किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु अशुभ हो तो उस व्यक्ति का पूरा जीवन ही व्यर्थ हो जाता है।
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ज्योतिष के अनुसार इन दोनों ग्रहों के अशुभ होने पर हमें भगवान शिव के अवतार भगवान भैरव की शरण लेनी चाहिए। शास्त्रों में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से भैरव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के समस्त कष्टों को तुरंत ही दूर कर देते हैं। जानिए इन उपायों के बारे में
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भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय (Bhairav ke Upay)
- रविवार के दिन उड़द की दाल से पापड़ या पकौड़े बनाएं। इन्हें भैरव को चढ़ाकर वहीं मंदिर में रख दें। चाहें तो इसे प्रसाद स्वरूप गरीबों में भी बांट सकते हैं।
- काल भैरव जयंती पर भगवान भैरव को सवा किलो जलेबी का भोग चढ़ाएं। इनमें से कुछ वहीं पर आसपास के कुत्तों को भी खिला दें। इससे आपकी समस्या तुरंत दूर होगी।
- भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को भैरव मंदिर में जाएं। वहां सिंदूर का चोला चढ़ाएं। जनेऊ, पान, सुपारी, धूप, माला, प्रसाद, दीपक आदि अर्पित करें तथा उनकी आरती करें। इससे भी कष्ट मिटते हैं।
- जीवन में कोई बहुत बड़ी समस्या आ जाने पर कालभैरवाष्टक का प्रतिदिन 11 बार पाठ करें। इस उपाय को तब तकत करें जब तक किस आपकी समस्या पूरी तरह से समाप्त न हो जाएं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।