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Basant Panchami 2024: आज मां सरस्वती की पूजा करते समय करें आरती और चालीसा का पाठ, मिलेगा लाभ

Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाता है। साथ ही पूजा में सरस्वती चालीसा और आरती करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Feb 14, 2024 08:53
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Basant Panchami 2024

Basant Panchami 2024 Aarti and Saraswati Chalisa: देश भर में आज बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। आज का दिन बेहद ही शुभ और पावन है क्योंकि आज के दिन बुद्धि और विद्या की देवी मां शारदे (सरस्वती) का जन्म हुआ था। मान्यता है कि जो लोग आज के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करते हैं, उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही उन्हें मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। बता दें कि जो लोग माता की पूजा करते समय सरस्वती चालीसा और आरती का पाठ करते हैं, उन्हें बुद्धि, सिद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। तो आज इस खबर में मां सरस्वती की आरती और चालीसा के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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मां सरस्वती की आरती

जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता ।

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सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥

जय जय सरस्वती माता…॥
बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥

॥ जय सरस्वती माता…॥

माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥

जय जय सरस्वती माता…॥

जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥

सरस्वती चालीसा का पाठ

।। दोहा ।।

जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हंतु॥

चौपाई

जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।
जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥

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जय जय जय वीणाकर धारी।
करती सदा सुहंस सवारी॥

रूप चतुर्भुज धारी माता।
सकल विश्व अन्दर विख्याता॥

जग में पाप बुद्धि जब होती।
तब ही धर्म की फीकी ज्योति॥

तब ही मातु का निज अवतारी।
पाप हीन करती महतारी॥

वाल्मीकिजी थे हत्यारा।
तव प्रसाद जानै संसारा॥

रामचरित जो रचे बनाई।
आदि कवि की पदवी पाई॥

कालिदास जो भये विख्याता।
तेरी कृपा दृष्टि से माता॥

तुलसी सूर आदि विद्वाना।
भये और जो ज्ञानी नाना॥

तिन्ह न और रहेउ अवलंबा।
केव कृपा आपकी अंबा॥

करहु कृपा सोइ मातु भवानी।
दुखित दीन निज दासहि जानी॥

पुत्र करहिं अपराध बहूता।
तेहि न धरई चित माता॥

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राखु लाज जननि अब मेरी।
विनय करउं भांति बहु तेरी॥

मैं अनाथ तेरी अवलंबा।
कृपा करउ जय जय जगदंबा॥

मधुकैटभ जो अति बलवाना।
बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना॥

समर हजार पाँच में घोरा।
फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा॥

मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।
बुद्धि विपरीत भई खलहाला॥

तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।
पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥

चंड मुण्ड जो थे विख्याता।
क्षण महु संहारे उन माता॥

रक्त बीज से समरथ पापी।
सुरमुनि हदय धरा सब कांपी॥

काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।
बारबार बिन वउं जगदंबा॥

जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।
क्षण में बाँधे ताहि तू अंबा॥

भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।
रामचन्द्र बनवास कराई॥

एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।
सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा॥

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को समरथ तव यश गुन गाना।
निगम अनादि अनंत बखाना॥

विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।
जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥

रक्त दन्तिका और शताक्षी।
नाम अपार है दानव भक्षी॥

दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।
दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥

दुर्ग आदि हरनी तू माता।
कृपा करहु जब जब सुखदाता॥

नृप कोपित को मारन चाहे।
कानन में घेरे मृग नाहे॥

सागर मध्य पोत के भंजे।
अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥

भूत प्रेत बाधा या दुःख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में॥

नाम जपे मंगल सब होई।
संशय इसमें करई न कोई॥

पुत्रहीन जो आतुर भाई।
सबै छांड़ि पूजें एहि भाई॥

करै पाठ नित यह चालीसा।
होय पुत्र सुंदर गुण ईशा॥

धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।
संकट रहित अवश्य हो जावै॥

भक्ति मातु की करैं हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा॥

बंदी पाठ करें सत बारा।
बंदी पाश दूर हो सारा॥

रामसागर बाँधि हेतु भवानी।
कीजै कृपा दास निज जानी॥

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Feb 14, 2024 08:53 AM

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