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ज्योतिष

क्या देर से ऑफिस जाते हैं आप, जानिए किस ग्रह का है अशुभ प्रभाव? करें ये उपाय

Astro Tips: कुछ लोग चाहकर भी ऑफिस टाइम से नहीं पहुंच पाते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो संभल जाएं, क्योंकि इसका कारण कुछ ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी हो सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ आसान से उपायों को अपना सकते है। आइए जानते हैं कि वे कौन से उपाय हैं, जिनको आप कर सकते हैं?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Mohit Tiwari Updated: Jul 9, 2025 18:19
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Credit- freepik

Astro Tips: ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि हमारे जीवन की हर छोटी-बड़ी घटना पर ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव पड़ता है। समय पर ऑफिस न पहुंच पाना, बार-बार देरी होना या कार्यस्थल पर अनुशासन की कमी का सामना करना केवल व्यक्तिगत आदतों का परिणाम नहीं हो सकता, बल्कि यह कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति का भी संकेत होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुछ ग्रहों का प्रतिकूल प्रभाव कार्यक्षेत्र में देरी, आलस्य और बाधाओं का कारण बन सकता है।

देरी के लिए कौन से ग्रह हैं जिम्मेदार

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और उनकी दशा हमारे डेली लाइफ, वर्कप्लेस और टाइम मैनेजमेंट को भी प्रभावित करती है। टाइम पर ऑफिस न पहुंच पाना या कार्यों में देरी के लिए कुछ ग्रह मुख्य रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें से शनि को कर्म और अनुशासन का कारक माना जाता है।

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अगर कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में मौजूद हो, जैसे छठे, 8वें या 12वें भाव में या फिर राहु-केतु के साथ युति में हो तो यह आलस्य, लेटलतीफी और वर्कप्लेस पर प्रॉब्ल्मस का कारण बन सकता है। राहु अनुशासनहीनता, भ्रम और अव्यवस्था का कारक है, जो समय का पाबंद न होने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। चंद्रमा मन और इमोशंस का प्रतिनिधित्व करता है और इनकी कमजोर स्थिति मेंटल स्ट्रेस और लेजीनेस का कारण बन सकती है। बुध बुद्धि और कम्युनिकेशन के कारक हैं, अगर यह नीच राशि में हो, तो निर्णय लेने की क्षमता और समय प्रबंधन को प्रभावित होती है।

शास्त्रों में भी बताया गया है देरी का कारण

वैदिक ज्योतिष के प्रमुख शास्त्रों, जैसे बृहत् पराशर होरा शास्त्र और फलदीपिका आदि में भी ग्रहों के अशुभ प्रभावों और उनके कारण होने वाली बाधाओं के बारे में बताया गया है। बृहत् पराशर होरा शास्त्र के अनुसार जब कुंडली के कर्म यानी दशम भाव या लग्न भाव पर अशुभ ग्रहों, जैसे शनि और राहु की दृष्टि या युति हो तो कार्यों में विलंब, असफलता और अनुशासनहीनता की स्थिति बनती है।

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फलदीपिका के अनुसार कमजोर या अशुभ ग्रहों की दशा और गोचर के दौरान व्यक्ति के जीवन में देरी और रुकावटें आती हैं। शास्त्रों के अनुसार इस समस्या से बचने के लिए ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप, दान, और पूजा-अनुष्ठान करना चाहिए।

शनि के लिए करें ये काम

शनि ग्रह अनुशासन और कर्म का कारक है और इनकी अशुभ स्थिति के कारण कार्यक्षेत्र में देरी और आलस्य की समस्या हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए शनिवार के दिन 108 बार ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप कर लें।

इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को गुड़-चना अर्पित करें। इससे शनि का नकारात्मक प्रभाव संतुलित होता है। शनिवार को काले तिल, कपड़े या तेल का दान करने से भी शनि की शांति होती है और कार्यक्षेत्र में अनुशासन बढ़ता है।

राहु के लिए करें उपाय

राहु ग्रह का अशुभ प्रभाव भी भ्रम और अव्यवस्था का कारण बन सकता है, इससे समय पर ऑफिस पहुंचने में कठिनाई होती है। इससे मुक्ति पाने कि लिए बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करें और ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें, क्योंकि यह राहु के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

राहु की शांति के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ या ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इसके अलावा, नारियल या काले कंबल का दान करने से राहु का अशुभ प्रभाव कम होता है और टाइम मैनेजमेंट में सुधार होता है।

चंद्रमा का अशुभ प्रभाव होगा कम

चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है और इनकी कमजोर स्थिति मानसिक तनाव और आलस्य का कारण बन सकती है। सोमवार को ‘ॐ सों सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके साथ ही चांदी का एक चौकोर टुकड़ा गले में पहन लें या चांदी के बर्तन में पानी पीएं। इन उपायों से भी चंद्रमा की शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा सोमवार के दिन जरूरतमंदों को खीर या दूध और इससे बनी चीजों का दान कर सकते हैं।

ऐसे करें बुध मजबूत

बुध बुद्धि, कम्युनिकेशन और तर्कशक्ति के कारक ग्रह माने जाते हैं। इनकी अशुभ स्थिति निर्णय लेने और समय प्रबंधन में बाधा डाल सकती है। बुधवार को ‘ॐ बुं बुद्धाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करने से बुद्धि और समय प्रबंधन में सुधार होता है। तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने और उसकी पूजा करने से बुध का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है। बुधवार को हरे रंग के कपड़े पहनने से भी बुध की शक्ति मजबूत होती है, क्योंकि हरा रंग बुध का प्रतीक माना जाता है।

कर सकते हैं ये सामान्य उपाय

कुछ सामान्य उपाय सभी ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करते हैं। प्रतिदिन सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें, क्योंकि यह आत्मविश्वास और अनुशासन को बढ़ाता है। अपने कार्यस्थल पर उत्तर-पूर्व दिशा में पानी का बर्तन रखें और अपने डेस्क को व्यवस्थित रखें, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी नाम ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jul 09, 2025 06:19 PM

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