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Ahoi Ashtami 2023: इस साल कब है अहोई अष्टमी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। मान्यता है कि यह व्रत संतान की लंबी आयु और जीवन में खुशहाली के लिए रखा जाता है। तो आइए अहोई अष्टमी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Oct 30, 2023 16:37
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Ahoi Ashtami 2023
Ahoi Ashtami 2023

Ahoi Ashtami 2023: प्रत्येक साल अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व होता है। इस व्रत को रखने से संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य, उनके खुशहाल जीवन और करियर के लिए करती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी की जाती है। मान्यता है कि जो महिला नि:संतान है, उन्हें अहोई अष्टमी का व्रत जरूर रखना चाहिए। अहोई अष्टमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण और शुभ फलदायी माना जाता है। तो आइए इस खबर में जानेंगे अहोई अष्टमी व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में। तो आइए विस्तार से जानते हैं।

कब हैं अहोई अष्टमी

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर 2023 को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत के साथ ही अहोई माता की पूजा भी की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महिलाएं अहोई अष्टमी के पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम के समय तारों को अर्घ्य देती है। इसके बाद ही पारण करती है। कुछ महिलाएं चंद्रमा को भी अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी व्रत के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 52 मिनट तक हैं। इसके साथ ही व्रत खोलने का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट पर हैं। पंचांग के अनुसार, चंद्रोदय का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट पर हैं।

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पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी के दिन प्रात काल उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण करके दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं। इसके बाद रोली, चावल और फूलों से माता की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद कलश में जल भरें और माता अहोई अष्टमी की कथा सुने। कथा सुनने के बाद मिठाई या हलवा पूरी का भोग लगाएं। उसके बाद मां अहोई अष्टमी की आरती करें और मंत्रों का जाप करें। इसके बाद रात्रि के समय तारे देखकर ही अर्घ्य दें।

अहोई अष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत बेहद ही खास होता है। इस व्रत को करने से संतान की आयु लंबी होती है। इसके साथ ही संतान की खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना किया जाता है। अहोई अष्टमी के पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और रात्रि के समय तारों को अर्घ्य देकर पारण किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, जो जातक इस व्रत को रखते हैं उनके बच्चों पर आने वाली सारी विपदा खत्म हो जाती है। अहोई अष्टमी का व्रत रखने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Oct 30, 2023 04:37 PM

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