Aaj Ka Panchang 26 february 2025: आज 26 फरवरी 2025 को फाल्गुन माह का तेरहवां दिन है यानी आज इस माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज त्रयोदशी तिथि सुबह 11:08 मिनट तक रहेगी, जिसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। इसके अलावा आज दोपहर 5 बजकर 23 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जिसके बाद धनिष्ठा लगेगा। आज प्रात: काल 02 बजकर 57 मिनट तक परिघ योग रहेगा, जिसके बाद शिव योग शुरू होगा। आइए अब जानते हैं 26 फरवरी के दिन पूजा के शुभ और अशुभ मुहूर्त के बारे में।
आज की तिथि
- कृष्ण पक्ष त्रयोदशी- 25 फरवरी को दोपहर 12:47 मिनट से लेकर 26 फरवरी को सुबह 11:08 मिनट तक
- कृष्ण पक्ष चतुर्दशी- 26 फरवरी को सुबह 11:08 मिनट से लेकर 27 फरवरी को सुबह 08:54 मिनट तक
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शुभ-अशुभ काल
- सूर्योदय- सुबह 06:49
- सूर्यास्त- शाम 6:18
- चन्द्रोदय- 27 फरवरी को सुबह 06:22
- चन्द्रास्त- दोपहर 04:34
- वणिज करण- सुबह 11:08 तक
- विष्टि करण- देर रात 10:05 तक
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 05:09 से लेकर 05:59 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- नहीं है
- गोधूलि मुहूर्त- शाम में 06:17 से लेकर 06:42 मिनट तक
- अमृत काल- सुबह में 07:28 से लेकर 09:00 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर में 02:29 से लेकर 03:15 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त- सुबह 12:09 से लेकर 27 फरवरी को सुबह 12:59 मिनट तक
- राहुकाल- दोपहर में 12:34 से लेकर 02:00 मिनट तक
- भद्रा- सुबह 11:08 से लेकर देर रात 10:05 मिनट तक
- गुलिक काल- सुबह 11:08 से लेकर दोपहर 12:34 मिनट तक
26 फरवरी 2025 का पर्व
महाशिवरात्रि- 26 फरवरी 2025, दिन बुधवार को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा के 4 शुभ मुहूर्त हैं। रात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का वक्त प्रात: काल 06:19 से सुबह 09:26 मिनट तक है। रात्रि के द्वितीय प्रहर की पूजा का समय सुबह 09:26 से लेकर 27 फरवरी को प्रात: काल 12:34 मिनट तक है। रात्रि के तृतीय प्रहर की पूजा का समय 27 फरवरी को प्रात: काल में 12:34 से लेकर 03:41 मिनट तक है। जबकि रात्रि के चतुर्थ प्रहर की पूजा का वक्त 27 फरवरी को प्रात: काल में 03:41 से लेकर 06:48 मिनट तक है।
पंचांग का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पंचांग केवल तिथियों और पर्व का कैलेंडर नहीं है। ये जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक विशेष साधन है। इसके माध्यम से व्यक्ति को खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा मिलती है, जिसके जरिए व्यक्ति समय और परिस्थितियों को अनुकूल बना सकता है। पंचांग के वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण पांच महत्वपूर्ण अंग हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर व्यक्ति अगर काम करता है, तो उसे सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि सगाई, विवाह, यात्रा, गृह प्रवेश और नए काम की शुरुआत शुभ मुहूर्त में करना लाभदायक रहता है। इसके अलावा व्यक्ति यदि मुहूर्त को देखकर कार्य करता है, तो उसे उस काम में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
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