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‘अमेरिका में टैलेंडेट प्रतिभाशाली स्थानीय वर्कर्स की कमी…’, H-1B वीजा पर राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा यू-टर्न

भारतीयों को अमेरिका के एच1बी वीजा पर काफी राहत मिल सकती है। इसके लिए ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एच 1बी वीजा की अहमियत समझी है। ट्रंप ने स्थानीय वर्करों को कम प्रतिभाशाली माना है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Nov 12, 2025 10:21
H-1B वीजा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रुख काफी नरम पड़ता दिखाई दे रहा है। ट्रंप ने दोगुनी फीस करते हुए तक H1 B वीजा पर करीब 88 लाख रुपये की फीस कर दी है। अब ट्रंप ने इस वीजा को अमेरिका के लिए जरुरी बताया है। अब तक H1 B वीजा का विरोध करते आए ट्रंप ने कहा है ट्रंप कि H-1B वीजा अमेरिका के लिए आवश्यक हैं क्योंकि अमेरिका में प्रतिभाशाली अमेरिकी वर्कर्स की कमी है।

राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि ये विदेशी पेशेवर अमेरिका की तकनीकी और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि H-1B वीजा प्रणाली अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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ट्रंप के नरम रुख से उम्मीद जताई जा रही है कि वीजा पर दोगुनी फीस पहले जैसी या कम हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा। बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक, हर साल नए H-1B वीजा में 70% वीजा भारतीयों को मिलते हैं। बाकी की बात करें तो 11-12% चीनी नागरिकों को H-1B वीजा मिलता है।

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पत्रकारों ने राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा कि क्या एच-1बी वीजा सुधार उनके प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकता होगी, तो ट्रंप ने कहा कि मैं सहमत हूं, लेकिन आपको यह प्रतिभा भी लानी होगी। कहा कि अमेरिका लंबे समय से बेरोजगार अमेरिकियों को व्यापक ट्रेनिंग के बिना मैन्यूफैक्चरिंग और डिफेंस में जटिल भूमिकाओं के लिए नहीं रखा जा सकता।

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गत सितंबर में ट्रंप ने एच-1बी वीजा में बड़े पैमाने पर बदलाव किया था। इसमें नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए 100,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) की फीस तय हुई थी जो पहले से करीब 1,500 अमेरिकी डॉलर थी।

इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में काफी प्रतिभाशाली लोग नहीं हैं। कुछ कौशल ऐसे होते हैं जो आपके पास नहीं होते, और लोगों को उन्हें सीखना पड़ता है। आप लोगों को बेरोजगारी की कतार से हटाकर यह नहीं कह सकते कि तुम्हें एक कारखाने में लगा दूंगा जहां हम मिसाइलें बनाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने जॉर्जिया राज्य का उदाहरण देते हुए कहा कि कुशल विदेशी श्रमिकों को हटाने से जटिल उत्पादों को बनाने में काफी समस्या आई। क्योंकि कोरिया के कर्मचारियों को हटा दिया गया था। कहा कि उनके पास दक्षिण कोरिया के लोग थे जिन्होंने जीवन भर बैटरियां बनाई थीं। बैटरियां बनाना बहुत जटिल और खतरनाक काम है।

First published on: Nov 12, 2025 09:21 AM

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