19 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1B वीजा पर एक लाख डॉलर का शुल्क लगा दिया था. इसका सबसे बड़ा असर भारतीयों पर पड़ने का अनुमान लगाया गया लेकिन इस बात को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ था कि आखिर नया नियम किन लोगों पर लागू होगा और किन लोगों को इससे छूट मिलने वाली है. अब अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) द्वारा दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इस अपडेट में बताया गया है कि किसे शुल्क देना होगा, यह कब लागू होगा, और नियोक्ता दुर्लभ छूट कैसे प्राप्त कर सकते हैं.
किसे देना होगा $100,000 H-1B वीजा शुल्क?
21 सितंबर, 2025 को या उसके बाद दायर किए गए आवेदनकर्ताओं को शुल्क देना होगा. इसके साथ ही वैध एच-1बी वीजा के बिना संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर काम करने वाले श्रमिकों को भी इस आवेदन के लिए शुल्क देना होगा. अमेरिका में कामगारों के लिए कांसुलरी या प्रवेश बंदरगाह अधिसूचना के लिए अनुरोध करने वाले आवेदनकर्ताओं और ऐसी याचिकाएं जिनमें स्थिति में परिवर्तन या विस्तार अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया हो, उन्हें शुल्क देना होगा.
किन लोगों को मिलेगी छूट
इस वक्त जिन लोगों के पास वैध एच-1बी वीजा है, उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा. 21 सितंबर 2025 को 12:01 पूर्वाह्न EDT से पहले प्रस्तुत आवेदन पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा. करेक्शन, बदलाव, संयुक्त राज्य अमेरिका के अंदर रहने की अवधि बढ़ाने की मांग वाले आवेदन पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा.
इसके साथ ही मौजूदा H-1B वीजा धारकों को अमेरिका में प्रवेश करने या अमेरिका छोड़ने से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा. यह शुल्क उन नए आवेदकों पर लागू होगा जो अमेरिका से बाहर हैं और जिनके पास वैध H-1B वीजा नहीं है. नई आवेदन प्रक्रिया के लिए एक ऑनलाइन पेमेंट लिंक (H1b वीजा शुल्क लिंक) भी जारी किया है. यह स्पष्टीकरण तब आया जब यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस फैसले के खिलाफ ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया. संगठन ने कहा कि एच1बी वीजा शुल्क अवैध है और इसका अमेरिकी व्यवसायों पर गंभीर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा.










