US China Trade War: ट्रेड वॉर…पिछले कुछ समय से ये शब्द हर किसी की जुबान पर चढ़ा है। दुनियाभर की इकोनॉमी में भूचाल लाने वाले इस ‘वॉर’ की शुरुआत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है। रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा वाली रणनीति से आगे बढ़कर ट्रंप अब ‘वॉर मोड’ में काम कर रहे हैं। वह चीन के खिलाफ लगातार टैरिफ बढ़ाए जा रहे हैं। पहले चीन पर 34 फीसदी, फिर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने भी 84 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया था। इसके जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा झटका देते हुए इस टैरिफ को 145 प्रतिशत तक करने की घोषणा कर दी। अब चीन ने भी 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका ने रणनीतिक रूप से दूसरे देशों को तो 90 दिन की मोहलत दे दी है, जबकि चीन के खिलाफ इस व्यापार की खुली जंग का ऐलान कर दिया है। जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार प्रभावित हो रहा है। आइए अब जानते हैं कि आखिर इस ‘व्यापार युद्ध’ का असर दोनों देशों पर क्या होगा और इससे वहां के नागरिक किस तरह प्रभावित होंगे?
आपस में इस तरह से जुड़ी हैं एक-दूसरे की इकोनॉमी
हो सकता है कि ट्रंप मानकर चल रहे हों कि उनकी रणनीति काम करेगी और चीन दबाव में आकर बातचीत करने को मजबूर हो सकता है। हालांकि कई जानकार ये मानते हैं कि ट्रंप की ये रणनीति उन्हीं पर भारी पड़ सकती है क्योंकि चीन का ‘आर्थिक वजन’ बहुत ज्यादा है। जानकारों के अनुसार, चीन-अमेरिका की इकोनॉमी आपस में काफी हद तक जुड़ी हैं।
🔴While #China remains open to #talks, any talks must be based on mutual respect and conducted on equal footing.
🔴If the #US is bent on waging a trade war, China will #fight to the end.
🔴Pressure, threats and blackmail are not the right way to deal with China. We hope that the… pic.twitter.com/XkWKayS2KB— Chinese Embassy in US (@ChineseEmbinUS) April 10, 2025
---विज्ञापन---
ये प्रोडक्ट मिलते हैं सस्ते
अमेरिका के लोग आईफोन, शूज, गारमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूसरे कंज्यूमर आइटम्स को सस्ता पाने के लिए चीन पर निर्भर हैं। ऐसे ज्यादातर आइटम चीन से एक्सपोर्ट होकर सस्ती दर पर अमेरिका पहुंचते हैं। ये मिडिल क्लास के जीवन का एक अहम हिस्सा हैं और कहा जाता है कि इससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
चीन के लोगों की जिंदगी बेहतर बनी
दूसरी ओर चीन की बात की जाए तो उसने अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए अमेरिकी व्यापार का इस्तेमाल किया है। हालांकि ये अलग बात है कि इससे आए राजस्व या मुनाफे को उसने हाई टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री और चीन की बढ़ती सैन्य ताकत में इस्तेमाल किया है।
🚨BREAKING overnight: China raises tariffs on US goods to 125%
Welcome to a full blown trade war pic.twitter.com/oj34Iv2IHU
— Ron Smith (@Ronxyz00) April 11, 2025
अमेरिका को क्या होगा नुकसान
अब भले ही चीन के सस्ते माल ने अमेरिका के लोगों को फायदा पहुंचाया हो, लेकिन ये बात अलग है कि चीन से एक्सपोर्ट होने वाले सस्ते माल से अमेरिका की इंडस्ट्री और इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा है। स्टील और फर्नीचर इंडस्ट्री भी इससे काफी प्रभावित हुई है। कहा जा रहा है कि दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच इस ट्रेड वॉर के दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं। अमेरिका के लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकीं वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने का डर सताने लगा है। महंगाई बढ़ सकती है।जिससे अमेरिका के लाखों लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ेगा। उपभोक्ताओं का भरोसा कम होने से अमेरिका में मंदी की भी आहट आ सकती है। जबकि चीन की बात की जाए तो अर्थव्यवस्था का हिस्सा माने जाने वाले छोटे उद्योग प्रभावित हो सकते हैं। बेरोजगारी भी बढ़ सकती है।
ये भी पढ़ें: ट्रंप टैरिफ के पीछे किसका दिमाग? कौन है वो जिसकी बातों पर अमल करते हैं यूएस प्रेसिडेंट?
दूसरे देशों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने की कोशिश
कहा जा रहा है कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका दूसरे देशों के साथ बेहतर व्यापारिक संबंध बना रहा है। भारत, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देश व्यापार वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं। माना जा रहा है कि इन देशों के साथ कई बड़े व्यापारिक फैसले लिए जा सकते हैं।
इंडिजीनियस प्रोडक्ट का निर्माण करना होगा
किसी भी देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ अहम है। अमेरिका को आत्मनिर्भर बनने के लिए इंडिजीनियस प्रोडक्ट्स बनाने पर जोर देना होगा। उसे ऐसी पॉलिसीज लानी होंगी, जिससे उसकी इलेक्ट्रॉनिक, अपैरल, शूज या कंज्यूमर आइटम्स बनाने वाली इंडस्ट्रीज को बूस्ट मिल सके। इससे जब प्रोडक्ट अमेरिका मे ही बनने लगेंगे तो चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी और उसके माल की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ये भी पढ़ें: ट्रंप के एक ऐलान से Elon Musk की भर गई झोली, एक ही झटके में कमा डाले 35.9 अरब डॉलर