---विज्ञापन---

दुनिया

कैसे हुआ अमेरिका-चाइना टैरिफ वॉर खत्म? ट्रंप के बाद व्हाइट हाउस ने भी की पुष्टि

US China Trade Deal 2025: 11 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर घोषणा करते हुए बताया कि चीन और अमेरिका के बीच एक व्यापारिक समझौता हो गया है। इस समझौते की पुष्ट अब व्हाइट हाउस ने भी की है। इस समझौते के तहत अमेरिका चीन से आयातित वस्तुओं पर 55% जबकि चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाएगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 11, 2025 22:32
US China Trade Deal 2025
चाइना और अमेरिका ने मिलाया हाथ

US China Trade Deal 2025: 11 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घोषणा की है कि अमेरिका और चीन के बीच एक नया व्यापारिक समझौता हो गया है। अब व्हाइट हाउस ने भी इसकी पुष्टि की है। इस समझौते के तहत अमेरिका चीन से आयातित वस्तुओं पर 55% टैरिफ लागू करेगा, जबकि चीन अमेरिकी वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाएगा।

यह समझौता लंदन में 9 और 10 जून को हुई दो दिवसीय व्यापार वार्ताओं का परिणाम है, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार युद्ध को कम करने और आपसी आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए। यह डील वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

---विज्ञापन---

क्या हुई है डील?

इस समझौते के अनुसार अमेरिका और चीन ने टैरिफ दरों को कम करने पर सहमति जताई है। पहले अमेरिका ने अप्रैल 2025 में चीनी आयात पर 145% तक टैरिफ लगाए थे, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 125% टैरिफ लागू किए थे। मई में जेनेवा में हुए एक अस्थायी समझौते के बाद, अमेरिकी टैरिफ 30% और चीनी टैरिफ 10% तक कम हो गए थे। नए समझौते में अमेरिका ने अपने टैरिफ को 55% पर स्थापित किया है, जिसमें 30% हालिया टैरिफ, 20% फेंटानिल से संबंधित टैरिफ, और 10% ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ शामिल हैं। हालांकि ये टैरिफ सभी आयात पर समान रूप से लागू नहीं होते हैं। इस कारण औसत टैरिफ 55% ही है। दूसरी ओर, चीन अपने 10% टैरिफ को बनाए रखेगा। यह समझौता 90 दिनों के लिए लागू होगा, जिसके बाद दोनों देश आगे की वार्ता करेंगे।

इसके अलावा चीन ने दुर्लभ खनिजों (रेर अर्थ्स) और मैग्नेट की आपूर्ति सुनिश्चित करने का वादा किया है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य तकनीकी उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बदले में, अमेरिका ने चीनी छात्रों को अपनी यूनिवर्सि़टीज में पढ़ाई करने की अनुमति देने पर सहमति जताई है। ट्रंप ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘हमारा रिश्ता शानदार है!’ यह समझौता जेनेवा में मई 2025 में बने अस्थायी व्यापार युद्धविराम को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, जिसे दोनों देशों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप लगाकर कमजोर कर दिया था।

---विज्ञापन---

9 और 10 जून की मीटिंग्स का है परिणाम

यह समझौता 9 और 10 जून 2025 को लंदन में हुई उच्च-स्तरीय वार्ताओं का परिणाम है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट, वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक, और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर शामिल थे, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व उप-प्रधानमंत्री ही लिफेंग ने किया। ये वार्ताएं 5 जून को ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई फोन कॉल के बाद शुरू हुईं, जिसे ट्रंप ने ‘बेहद सकारात्मक’ बताया था। वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य दुर्लभ खनिजों पर चीन के निर्यात प्रतिबंधों और अमेरिका के सेमीकंडक्टर निर्यात नियंत्रणों से उत्पन्न तनाव को कम करना था।

क्या होगा इसका आर्थिक प्रभाव?

इस समझौते ने वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। 11 जून 2025 को अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल देखा गया, जिसमें डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1,000 अंकों से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ में कमी से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को स्थिरता मिलेगी और उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि पर अंकुश लगेगा। मई 2025 में चीन के अमेरिका को निर्यात में 34.5% की गिरावट देखी गई थी, जो उच्च टैरिफ का परिणाम थी। यह समझौता चीन को अपने निर्यात को स्थिर करने में मदद कर सकता है, यह विशेष रूप से दुर्लभ खनिजों और मैग्नेट के क्षेत्र में देखने को मिल सकता है।

First published on: Jun 11, 2025 10:06 PM

संबंधित खबरें