---विज्ञापन---

UK के 71 वर्षीय सांसद को भारी पड़ सकती है ठरक; पुरुष कर्मचारी के यौन उत्पीड़न में 6 हफ्ते के सस्पेंशन की सिफारिश

United Kingdom MP Scandal: ब्रिटेन की संसद से बड़ी खबर आई है। यहां 71 साल वर्षीय बुजुर्ग सांसद पीटर बोन को 6 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर कर दिए जाने की सिफारिश की गई है। मामला एक पुरुष कर्मचारी के यौन उत्पीड़न और सामाजिक तौर मानहानि का है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 16, 2023 18:19
Share :

लंदन: ब्रिटेन की संसद से बड़ी खबर आई है। यहां 71 साल वर्षीय बुजुर्ग सांसद पीटर बोन को 6 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर कर दिए जाने की सिफारिश की गई है। मामला एक पुरुष कर्मचारी के यौन उत्पीड़न और सामाजिक तौर मानहानि का है। आरोप है कि पीटर बोन ने कर्मचारी के साथ होटल में कुकर्म किया और फिर उसे बदनाम करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब लगभग 10 साल के बाद इस मामले में राजनेता काे दोषी पाया गया है। हालांकि वयोवृद्ध सांसद बोन अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों का खंडन भी करते नजर आए। अब देखने वाली बात यह होगी कि संसद सस्पेंशन की इस सिफारिश पर संसद में क्या फैसला होता है। अगर ऐसा हुआ तो यहां उपचुनाव की नौबत आ सकती है।

  • सांसद पीटर बोन के खिलाफ कर्मचारी ने नौकरी छोड़ने के बाद लगाया था 2012-13 में मैड्रिड में एक होटल के कमरे में दुराचार करने का आरोप

दरअसल, टोरी के सांसद पीटर बोन को वर्ष 2012-13 में एक पुरुष कर्मचारी के यौन शोषण और धमकी देने का दोषी पाया गया है। विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र पैनल की धमाकेदार रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 में पूर्व मंत्री के खिलाफ स्टाफ के एक कर्मचारी ने मैड्रिड में एक होटल के कमरे में अपने साथ दुराचार करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच में पीटर बोन को पुरुष कर्मचारी के खिलाफ बदमाशी के कई अलग-अलग कृत्य और यौन दुर्व्यवहार का एक कृत्य करने का दोषी पाया गया। उनके खिलाफ चीखने-चिल्लाने, गाली-गलौज, हिंसा, बेहूदा मजाक करने और यौनाचार जैसे पांच गंभीर आरोप साबित हुए हैं, जिसके बाद सिफारिश की गई है कि उन्हें 6 हफ्ते के लिए संसद से सस्पेंड कर दिया जाए।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: गाजा पट्टी पर कब्जा किया तो…अमेरिका के Double Face का पर्दाफाश, बाइडेन की नेतन्याहू को कड़ी चेतावनी

बोन ने कहा-सभी आरोप निराधार

हालांकि  सांसद पीटर बोन सोमवार को अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर बोन ने लिखा है, ‘जैसा कि मैंने इस मामले में चली कार्यवाही के दौरान कहा था मेरे खिलाफ कभी भी कदाचार का कोई आरोप नहीं लगा। ये सभी आरोप एकदम निराधार और झूठे हैं’।

---विज्ञापन---

यहा इस मामले में बता देना जरूरी है कि सांसद के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले कर्मचारी ने नौकरी के दौरान कभी भी ऐसी कोई लिखित या मौखिक शिकायत अपने प्रबंधकों के सामने की। नौकरी छोड़ने के बाद वह पहली बार इस मसले को लेकर सबके सामने आया था। उसने आरोप लगाए थे कि पीटर बोन ने बार-बार शारीरिक शोषण किया। बदनाम करने की, काम से निकाल देने की धमकी दी। अगर वह काम से नाखुश थे तो फिर उसे ब्लैकमेल क्यों किया गया। बार-बार ऑफिस मसाज करने तक भी दबाव डाला।

यह भी पढ़ें: भारत विभाजन को असदुद्दीन ओवैसी ने बताया ‘ऐतिहासिक गलती’, बोले – कभी नहीं होना चाहिए था बंटवारा

सुनक सरकार को झेलना पड़ सकता है तीसरा उपचुनाव

उधर, पीटर बोन जुलाई 2022 में बोरिस जॉनसन द्वारा कॉमन्स का नेता नियुक्त किया गया था और सितंबर में लिज ट्रस के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने तक सेवा की। आज उन्होंने कहा कि उनके व्यवहार पर पैनल की जांच गलत है। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है, जब प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार इस गुरुवार को दो उप चुनावों में हार का सामना कर चुकी है। अब इस मामले में अगर संसद सस्पेंशन की सिफारिश को मंजूर कर लेता है तो बोन को री-कॉल पिटिशन का सामना करना पड़ेगा, जिसके बाद उनकी वेलिंगबोरो सीट के रूप में एक और उप चुनाव की नौबत आ सकती है। हालांकि फिलहाल सांसद ने अपनी भूमिका में बने रहने की बात दोहराई है।

HISTORY

Edited By

Balraj Singh

First published on: Oct 16, 2023 06:11 PM
संबंधित खबरें