---विज्ञापन---

दुनिया में 23 करोड़ महिलाओं का खतना, 8 साल में 15 फीसदी इजाफा; जानिए इसके पीछे विवाद और कारण?

UNICEF Latest Report: संयुक्त राष्ट्र की हाल ही में चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं और बच्चियों के साथ आज भी पौराणिक परंपराओं को निभाने की आड़ में जुल्म किया जाता है। 2016 की तुलना में अपराधों में 15 फीसदी से ज्यादा इजाफा हुआ है। ताजा रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 2, 2024 16:18
Share :
Female Genital Mutilation

UN News: सदियां बीतने के बाद भी दुनियाभर में सामाजिक कुरीतियां कम होने के बजाय बढ़ी हैं। आज भी दुनिया के कई देशों में खतना के नाम पर महिलाओं को असहनीय पीड़ा से दो-चार होना पड़ता है। फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) यानी खतना करते समय महिलाओं को सुन्न या बेहोश नहीं किया जाता। न ही किसी विशेषज्ञ सर्जन की मौजूदगी होती है। चाहे महिला की जान चली जाए, लेकिन ये परंपरा निभानी पड़ती है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने नई रिपोर्ट जारी की है।

3 करोड़ महिलाओं को दी गई यातना

यूनिसेफ की संयुक्त राष्ट्र बाल कोष इकाई के अनुसार अभी तक विश्वभर में लगभग 23 करोड़ महिलाएं और बच्चियां खतना का दंश झेल चुकी हैं। 2016 के बाद की बात करें तो ऐसे मामलों में 15 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। 8 साल में लगभग 3 करोड़ महिलाओं और बच्चियों का खतना किया गया है। जो पहले के मुकाबले काफी अधिक है। हालांकि कई देशों में कानूनी रूप से खतना पर रोक है। लेकिन इसके बाद भी ये प्रथा बेधड़क जारी है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:पेट में मुक्का मारकर क्यों गर्भपात कर रहीं इस देश की महिलाएं? चौंकाने वाली है वजह

यूनिसेफ के अनुसार दुनिया के 92 देशों में प्रथा जारी है। आपको शायद ही यकीन हो, लेकिन भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत के दाऊदी बोहरा समुदाय की महिलाओं को सदियों से इस परंपरा के नाम पर पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 14.4 करोड़ महिलाएं अफ्रीका में ऐसी हैं, जिनका खतना किया गया है। दूसरे नंबर पर एशिया है। जहां 8 करोड़ महिलाओं को यातना दी गई है। मध्य पूर्व देशों में 60 लाख मामले सामने आ चुके हैं। बता दें कि गरीब, अलग-थलग, छोटे और प्रवासी परिवारों में ऐसे मामले अधिक देखने को मिलते हैं।

---विज्ञापन---

गरीबी और भुखमरी वाले इलाकों में जारी है प्रथा

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कुप्रथा फैल नहीं रही है। लेकिन जिन देशों में इसका चलन है, वहां मामले पहले से अधिक सामने आ रहे हैं। खतना के बाद जीवित बची हर 10 में से 4 बच्चियां वहा रह रही हैं, जो गरीबी और भुखमरी की मार झेल रहे हैं। कुछ देश इसके खिलाफ कदम भी उठा रहे हैं, लेकिन सुधार की गति धीमी है। इथोपिया जैसे देशों में पिछले 30 साल से काफी कदम उठाए गए हैं। कई देशों में इस प्रथा का 2030 तक उन्मूलन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

यह भी पढ़ें:‘काला पड़ गया था आसमां, चारों तरफ बिखरा था खून’…79 साल बाद भी ‘लिटिल बॉय’ को याद कर कांप उठते हैं जापानी

यह भी पढ़ें:फिर ठप हुआ Microsoft का सर्वर, क्लाउड सेवाओं में खराबी से इन सेक्टरों में मचा हड़कंप

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 02, 2024 04:18 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें