---विज्ञापन---

इस देश में फैल सकती है Mumps महामारी, ठंड को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट ने जारी किया अलर्ट

World News in Hindi: सर्दी के मौसम में कंठमाला (Mumps) नामक महामारी को लेकर एक देश में अलर्ट जारी किया गया है। किशोरों और युवाओं को सलाह दी गई है कि वे समय रहते टीकाकरण करवा लें। इस बीमारी का प्रकोप पहले भी दिख चुका है। विस्तार से इसके बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Nov 25, 2024 18:15
Share :
World News in Hindi

World Latest News: ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसियों ने कंठमाला (Mumps) नामक महामारी को लेकर अलर्ट जारी किया है। ठंड के मौसम में यह महामारी तेजी से फैलती है। इसका प्रकोप पहले भी दिख चुका है। पिछले साल इस बीमारी के यूके में 36 मामले सामने आए थे। जबकि 2020 में इस महामारी के 3738 मामले दर्ज किए गए थे। अब डॉक्टरों ने दावा किया है कि इस बार ठंड में महामारी अपना प्रकोप दिखा सकती है। किशोरों और युवाओं में महामारी फैलने की आशंका जताई गई है। इस बीमारी की वजह से महिलाएं कई बार मां भी नहीं बन पातीं। लोगों को MMR वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है। लोग इस वैक्सीन को नहीं लगवाते, जिसकी वजह से यूके में खसरे के मामले भी बढ़े हैं। मम्प्स के 2019 में 5718 केस सामने आए थे।

15 साल में कम मामले

द सन की रिपोर्ट के अनुसार यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) के डॉ. आंद्रे चार्लेट ने दावा किया है कि फिलहाल इस बीमारी के केस काफी कम हैं। लेकिन सर्दी के मौसम में एकदम बीमारी का प्रकोप फैल सकता है। जिन व्यस्कों ने टीकाकरण नहीं करवाया है, उनके लिए खतरा ज्यादा है। खसरा (Measles), कंठमाला और रूबेला जैसी बीमारियों के लिए MMR वैक्सीन ही कारगर है। 15 साल में पहली बार इस बीमारी के सबसे कम केस इंग्लैंड में सामने आए हैं। UKHSA ने 2023 में खसरा नाम की बीमारी फैलने के बाद इसे राष्ट्रीय त्रासदी घोषित किया था।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है प्रदूषण! जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?

अब खसरे की तरह मम्प्स भी स्थायी बीमारी का रूप ले चुकी है। जो हर 2-4 साल में अपना प्रकोप दिखा देती है। बिना टीकाकरण वाले लोग इसकी चपेट में आते हैं। एमएमआर जैब वैक्सीन को लगवाने से युवा परहेज करते हैं। जिसके कारण कंठमाला की बीमारी से दिक्कतें उनको उठानी पड़ती हैं। स्टॉकहोम में ESCAIDE सम्मेलन का आयोजन पिछले दिनों किया गया था। जिसमें एम्स्टर्डम की वरिष्ठ चिकित्सा महामारी विज्ञानी और वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ. सुजैन हैने ने चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि कंठमाला का वायरस खसरे के मुकाबले कम संक्रामक है।

---विज्ञापन---

पुरुषों में गंभीर दिक्कत

NHS की ओर से भी 2023-24 के आंकड़े जारी किए गए थे। जिसमें पता लगा था कि 5 साल की आयु के बच्चों का ग्राफ पिछले 5 वर्ष में काफी गिरा है। लगातार दोनों खुराक लेने वाले बच्चों में कमी दर्ज की जा रही है। सिर्फ 83.9 फीसदी बच्चों ने ही दोनों खुराक ली हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 95 फीसदी बच्चों का टारगेट रखा था। बच्चों के बजाय कंठमाला का असर अधिकतर यूथ पर होता है। कंठमाला सीधा असर वृषण (testis) पर कर सकती है। सूजन की वजह से बांझपन जैसी दिक्कतें आ सकती हैं। एक अनुमान के अनुसार इस बीमारी से हर 10 में से एक पुरुष के शक्राणुओं में गिरावट आती है। जो बांझपन का कारण है। इससे अंडाशय में सूजन आती है, जिसे ओवेराइटिस कहा जाता है।

यह भी पढ़ें:पहले रेप किया, फिर पीट-पीटकर मार डाला; 45 साल बाद कैसे सुलझी US की इस महिला की मर्डर मिस्ट्री?

HISTORY

Written By

Parmod chaudhary

First published on: Nov 25, 2024 06:15 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें