Chinese cyber attack: ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय पर साइबर अटैक का मामला सामने आया है। साइबर अटैक के जरिए कई पूर्व डिफेंस कर्मियों के नामों, बैंक खातों और उनसे जुड़ी दूसरी जानकारियां लेने की कोशिश की गई है। साइबर एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है कि इनसे जुड़ी जानकारियों का गलत तरीके से यूज हो सकता है। हालांकि एक्सपर्ट सीधे तौर तो नाम नहीं ले रहे। लेकिन कहीं न कहीं चीन को ध्यान में रखकर मामला सुलझाने की कोशिश हो रही है। एक्सपर्ट्स ने बताया है कि पहले भी डिफेंस मिनिस्ट्री साइबर हमलों का शिकार हो चुकी है। ब्रिटेन में कई लोग अब चीन को लगातार हमलों के पीछे मानकर ट्रोल कर रहे हैं।
The Chinese state has hacked the UK Ministry of Defense. The Chinese state is to be accused of two or three attempts at hacking MoD employees – including personnel.
---विज्ञापन---The cyberattack was on a payroll system with current service personnel and some veterans. It is largely names and… pic.twitter.com/wXgKSbLxb6
— Bennetta Elliott (@belliott123) May 6, 2024
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ब्रिटेन के कार्य और पेंशन मंत्री मेल स्ट्राइड का बयान सामने आया है। जिन्होंने आशंका जताई है कि हमला एक बाहरी फर्म की कार्यप्रणाली जानने के लिए किया गया था। लेकिन इसे काफी गंभीरता से वे लोग ले रहे हैं। कंजर्वेटिव सरकार के पूर्व मंत्री टोबियास एलवुड ने सीधे तौर पर हमले को लेकर ड्रैगन को जिम्मेदार माना है। एलवुड ने कहा कि इस हमले में जितने भी लक्षण सामने आए हैं, वे पूरी तरह चीन से मेल खाते हैं। रक्षा मंत्रालय जिस बाहरी फर्म की पैरोल प्रणाली का उपयोग करता है, कहीं न कहीं ये सीधे उस पर अटैक किया गया था।
सीधे तौर पर नहीं लिया चीन का नाम
एलवुड पूर्व में सैनिक और संसदीय रक्षा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीन अक्सर योजनाबद्ध तरीके से ऐसे हमले पहले भी करता आया है। पैरोल सिस्टम और सेवा कर्मियों के नामों में गड़बड़ी करने की कोशिश के पीछे चीन का हाथ इसलिए हो सकता है। क्योंकि वह शायद देखना चाहता हो कि इससे मंत्रालय को क्या नुकसान होगा? वहीं, मंत्री स्ट्राइड ने बताया कि उन्होंने हमले को नाकाम कर दिया। जैसे ही साइबर अटैक का पता लगा, रक्षा मंत्रालय ने डेटाबेस को ऑफलाइन करने में जरा सी देरी भी नहीं की। उन्होंने सीधे तौर पर बीजिंग का हमले में हाथ होने से इनकार कर दिया। कहा कि आशंका है कि हमले में जो लक्षण मिले, वे कहीं न कहीं चीन की ओर इशारा कर रहे हैं।