India vs Canada On Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने 18 सितंबर को भारत पर कनाडा की धरती पर खालिस्तान आतंकवादी हरजीत सिंह निज्जर को मारने का आरोप लगाया, ट्रुडो ने कनाडा की संसद में बिना कोई सबूत पेश किए आरोप लगाए। जिसके बाद कनाडा ने एक भारतीय राजदूत को भी निष्कासित कर दिया।
ट्रुडो का परिवार रहा है खालिस्तान समर्थक
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भले ही भारत पर आरोप लगाते रहें लेकिन एक सच ये भी है कि उनका परिवार खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थक रहा है। उनके पिता पियरे ट्रुडो ने खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार के समर्पण किए जाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। बता दें कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने परमार के समर्पण किए जाने की मांग की थी, जिस पर पुलिस की हत्या का आरोप था, जिसे पियरे की सरकार ने भारत सरकार के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। 23 जून 1985 को हुए ‘एअर इंडिया’ के एक विमान में बम विस्फोट होने से 329 बेगुनाह लोगो की जान चली गई थी, इस घटना को ‘कनिष्क बम कांड’ के नाम से जाना जाता है। केवल यही नहीं, मामले की जांच के लिए बने कनाडा आयोग ने अपने ही सरकार पर आरोप लगते हुए उसे कटघरे में खड़ा किया था।
G20 में कनाडाई प्रतिनिधिमंडल बैकफुट पर
जाहिर तौर पर भारत सरकार ने G20 में खालिस्तान के मुद्दे पर कनाडाई प्रतिनिधिमंडल को बैकफुट पर भेज दिया है। बता दें कि तब तक कनाडाई प्रतिनिधिमंडल को G20 कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया था। कनाडाई विमान भारत में खराब हो गया और वे 48 घंटों तक नई दिल्ली में फंसे रहे।
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी किया ट्रुडो का समर्थन
ट्रुडो ने नज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था इससे प्रतीत होता है कि उनकी भाषा कनाडा में रहने वाले खालिस्तानियों से मिलती-जुलती है। खास ध्यान देने वाली बात है कि ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। पन्नू को हाल ही में कनाडा में देखा गया था जबकि ट्रुडो, जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत में थे।










