China Wenzhou Train Collision Memoir: हाई स्पीड ट्रेन अपने सफर पर थी, लेकिन सिग्नल नहीं मिलने से पुल पर खड़ी ट्रेन से पीछे से भिड़ गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन की 4 बोगियां 65 फीट नीचे गिर गईं। हादसे में जहां 40 लोग मारे गए, वहीं करीब 200 लोग घायल हुए। हादसा रेलवे सिग्नल के डिजाइन में कमी और रेलवे कंपनी द्वारा किए खराब मैनेजमेंट के कारण हुई थी।
हादसे के बाद पूरे देश ने तबाही का जो मंजर देखा, लोगों की चीखें निकल गईं। किसी के हाथ कटे तो किसी के पैर कटे हुए थे। किसी का चेहरा बुरी तरह कुचला हुआ था। शवों को गठरियों में बांधकर ले जाना पड़ा। यह भीषण हादसा चीन में हुआ था, जिसे हाई स्पीड ट्रेन के इतिहास का तीसरा सबसे भीषण हादसा माना गया। इस हादसे का कारण स्पीड नहीं, बल्कि मानवीय गलती थी, जिसकी कीमत लोगों को चुकानी पड़ी।
Wenzhou train collision, 40 dead, 210+ injured according to faked Chinese data. Never properly investigated. pic.twitter.com/zsNxlW87T4
---विज्ञापन---— Kastus (@Hvcddhk) March 12, 2023
पुल पर ट्रेन खड़ी होने का सिग्नल नहीं मिला
हादसा आज से 13 साल पहले 23 जुलाई 2011 को चीन में हुआ था, जिसे वानजाउ ट्रेन हादसा नाम दिया गया। चीन में झेजियांग प्रांत के वानजाउ में योंग-ताई-वेन रेलवे लाइन पर हाई-स्पीड ट्रेन पुल पर खड़ी ट्रेन से पीछे से टकरा गई। टक्कर लगते ही दोनों ट्रेनें पटरी से उतर गईं और 4 डिब्बे पुल से 65 फीट नीचे गिर गए। हादसा चीन में हाई-स्पीड रेल (HSR) से जुड़ा आज तक का इकलौता ट्रेन हादसा है।
जर्मनी में 1998 के एस्केडे ट्रेन हादसे और स्पेन में 2013 के सैंटियागो डे कंपोस्टेला हादसे के बाद यह इतिहास का तीसरा सबसे घातक हाई स्पीड ट्रेन हादसा है। हादसे के समय ट्रेन की स्पीड 99 किलोमीटर/घंटा (62 मील प्रति घंटे) थी, लेकिन पुल पर खड़ी ट्रेन का सिग्नल नहीं मिलने से ड्राइवर को पता नहीं चला और वह समय रहते स्पीड कंट्रोल करके ब्रेक नहीं लगा पाया और जोरदार टक्कर हो गई।
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हादसे का सबक आज का हाई स्पीड रेल नेटवर्क
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन सरकार ने हादसाग्रस्त डिब्बो को मौके पर दफनाने का आदेश दिया, जबकि हादसे में मारे गए लोगों की लाशें थी, लेकिन सरकार ने लाशों के साथ ही मलबे को दफन करने को कहा दिया। इस कार्रवाई की चीनी मीडिया और ऑनलाइन मीडिया ने कड़ी आलोचना की थी। जवाबी कार्रवाई करते हुए सरकार ने हादसे की मीडिया कवरेज प्रतिबंधित करा दी थी। इस हादसे ने चीन में हाई स्पीड ट्रेनों की ग्रोथ पर बुरा असर डाला, क्योंकि लोगों का भरोसा उठ गया था। चीन की हाई-स्पीड रेल टेक्नोलॉजी की इंटरनेशनल लेवल पर जांच हुई।
वहीं ट्रेन हादसे की जांच के बाद रेल मंत्री शेंग गुआंगज़ू ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी। 5 महीने चली जांच दिसंबर 2011 में पूरी हुई और इसमें रेलवे के सिग्नल सिस्टम को दोषी ठहराया गया, जो उसी ट्रैक पर खड़ी पहली ट्रेन की दूसरी ट्रेन को चेतावनी देने में विफल रहा। साथ ही रेलवे अधिकारियों की ओर से सिग्नल देने प्रक्रिया को पूरा करने संबंधी मैनेजमेंट के फेल होने के भी हादसे का कारण बताया गया। रिपोर्ट में बताए गई सिफारिशों को लागू किया गया, जिसका सबक चीन का आज का हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है।
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