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‘इस रिश्ते को कोई खतरा नहीं’, भारत-रूस आर्थिक साझेदारी पर सर्गेई लावरोव का बयान

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी को कोई खतरा नहीं है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Sep 28, 2025 07:47
फोटो सोर्स- X

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी को कोई खतरा नहीं है.

रूसी तेल आयात करने के लिए अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए द्वितीयक प्रतिबंधों पर एएनआई द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, ‘(भारत और रूस के बीच आर्थिक साझेदारी) खतरे में नहीं है… भारतीय प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने साझेदारों का चयन स्वयं करता है. यदि अमेरिका के पास भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को समृद्ध करने के प्रस्ताव हैं, तो वे इसके लिए शर्तों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, चाहे अमेरिका जो भी शर्तें रखे. लेकिन जब बात भारत और तीसरे देशों के बीच व्यापार, निवेश, आर्थिक, सैन्य, तकनीकी और अन्य संबंधों की आती है, तो यह ऐसी चीज है जिस पर भारत केवल संबंधित देशों के साथ ही चर्चा करेगा’.

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PM मोदी द्वारा अपनाई जा रही विदेश नीति का सम्मान करते हैं

भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने और भारत-रूस संबंधों पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, ‘…हम भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं, इन राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा अपनाई जा रही विदेश नीति का भी पूरा सम्मान करते हैं. हम उच्चतम स्तर पर नियमित संपर्क बनाए रखते हैं…’

सर्गेई लावरोव ने भारत और रूस के बीच रणनीतिक संबंधों को रेखांकित किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने “राष्ट्रीय हितों” को आगे बढ़ाने की भारत सरकार की विदेश नीति के लिए उनके मन में ‘सम्मान’ है.

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हमारे बीच एक रणनीतिक साझेदारी है- सर्गेई लावरोव

सर्गेई लावरोव ने आगे कहा, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका या भारत और किसी अन्य देश के बीच उत्पन्न होने वाली ये स्थितियां, मैं उन्हें भारत और रूसी संघ के बीच संबंधों का मानदंड नहीं मान सकता. हमारे बीच एक रणनीतिक साझेदारी है, जैसा कि हम इसे लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी संबंध कहते हैं.

एक निश्चित बिंदु पर, हमारे भारतीय मित्रों ने उस शब्द को पूरक करने का प्रस्ताव रखा और अब हम इसे एक विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कहते हैं और थोड़ी देर बाद, हमारे भारतीय मित्रों ने एक और स्पष्टीकरण का प्रस्ताव रखा, अब हम इसे एक विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कहते हैं.

हम भारत के राष्ट्रीय हितों और इन हितों को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की जा रही विदेश नीति का अत्यधिक सम्मान करते हैं. हम उच्चतम स्तर पर नियमित संपर्क रखते हैं. उन्होंने चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की हालिया मुलाकात की भी चर्चा की. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों के बीच “घनिष्ठ समन्वय” का उल्लेख किया.

First published on: Sep 28, 2025 07:22 AM

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