Sheikh Hasina Latest Update: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनके लिए अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाने का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि उनकी पार्टी के ढाका स्थित हेड ऑफिस पर कब्जा करने की कोशिश चल रही है। ऑफिस इस समय पूरी तरह खाली है और उसके बाद फासीवाद और नरसंहर अंतर्राष्ट्रीय संस्थान का बैनर टंगा है। बिल्डिंग की साफ-सफाई चल रही है, लेकिन बैनर किसका है और इस पर कब्जा करने की कोशिश कौन रहा है? इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है।
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इसलिए कब्जाया जा रहा ऑफिस
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, शेखावत हुसैन नामक शख्स के नेतृत्व में सफाई का काम चल रहा है। हर रोज 10 से 15 लोग बिल्डिंग की सफाई करने आते हैं। शेखावत ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि यह ऑफिस फासीवादी शेख हसीना के जमाने का है। यहां और फासीवादी पैदा न हों, इसलिए ऑफिस को बंद कर रहे हैं। इस काम के लिए किसी की परमिशन की जरूरत नहीं है, लेकिन शेखावत ऑफिस पर कब्जा किसके इशारे पर कर रहा है? इस बारे में उसने कुछ नहीं बताया। वहीं चर्चा है कि अवामी लीग का ऑफिस बंद करके इस 10 मंजिला इमारत में रेस्ट हाउस खोला जाएगा।
क्या है शेख हसीना की ताजा स्थिति?
बता दें कि शेख हसीना वर्तमान में भारत की शरण में हैं और निर्वासन में जिंदगी बिता रही हैं। बांग्लादेश में उनके खिलाफ कई कानूनी केस चल रहे हैं। उनकी पार्टी अवामी लीग को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया है। वे वर्ष 1981 से अवामी लीग की अध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी बांग्लादेश के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक है। शेख हसीना 1996 से 2001 तक और 2009 से 2024 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।
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शेख हसीना पर क्या आरोप लगे?
बता दें कि शेख हसीना के राज में बांग्लादेश ने आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की, लेकिन उनके शासनकाल में सरकार पर मानवाधिकार का उल्लंघन और विपक्ष का दमन करने के आरोप लगे। उनके शासनकाल में विपक्षी दलों, खासकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा। साल 2022 में 191 वेबसाइटों को बंद करने जैसे फैसले लिए गए।
कैसे हुआ सरकार का पतन?
जुलाई 2024 में बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सुधार की मांग को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए थे। छात्रों ने प्रदर्शनों ने जनआंदोलन का रूप ले लिया और हिंसा हुई। हिंसा में 1400 लोगों की मौत हुई। हालातों को देखते हुए 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। वर्तमान में नई दिल्ली में सुरक्षित जगह पर रह रही हैं। भारत सरकार ने उनकी सुरक्षा का प्रबंध किया है, लेकिन इस वजह से भारत-बांग्लादेश के संबंधों में तनाव आ गया है।
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शेख हसीना के खिलाफ कार्रवाई
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (CT ) ने शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध करने और 2024 के प्रदर्शनों में हिंसा भड़काने के आरोप में मुकदमे शुरू किए हैं। जुलाई 2025 में उन्हें कंटेम्पट ऑफ कोर्ट के मामले में 6 महीने की सजा सुनाई गई। जुलाई 2024 में एक ऑडियो लीक हुआ था, जिसमें शेख हसीना को कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ घातक हथियारों के उपयोग का आदेश देते हुए सुना गया।
यह ऑडियो शेख हसीना के खिलाफ ICT में सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। फरवरी 2025 में ढाका में शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। उनके करीबी सहयोगी और अमेरिका में अवामी लीग के उपाध्यक्ष रब्बी आलम ने दावा किया कि शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में वापसी करेंगी।