China News: क्या 5 हजार किलोमीटर दूर बैठे शख्स की ऑनलाइन सर्जरी पॉसिबल है। लेकिन ऐसा कमाल एक डॉक्टर ने कर दिखाया है। जी हां, एक मरीज फेफड़ों के ट्यूमर से पीड़ित था। जिसका एक घंटे में सफल ऑपरेशन किया गया। मामला चीन के शंघाई शहर के चेस्ट अस्पताल का है। जहां डॉ. लुओ किंगक्वान और उनकी टीम ने काशगर शहर में एक मरीज का सफल ऑपरेशन किया। यह मामला चीन के चिकित्सा जगत के लिए बेहतरीन उपलब्धि बन गया है। इससे पहले मरीज के लिए विशेष तौर पर अस्पताल में तैयारी की गई। अत्याधुनिक तकनीक और व्यापक शोध की मदद से पहले सर्जन ने शंघाई से रोबोटिक मशीन का संचालन किया। इसके बाद काशगर में मरीज की सर्जरी एक घंटे में पूरी की गई। इस सर्जरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
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इस वीडियो को अब तक 5 लाख 60 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। जिसके ऊपर लोग जमकर कमेंट और लाइक भी कर रहे हैं। इसे एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर बाजार के एक व्यापारी नरेश नंबिसन ने शेयर किया है। इन्होंने ऑपरेशन के बारे में जिक्र भी किया है कि एक डॉक्टर ने इतनी दूर से व्यक्ति की जान बचा दी। वायरल वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी खूब आ रही हैं। कई लोग इस सर्जरी को साइंस और आधुनिक टेक्नोलॉजी का चमत्कार बता रहे हैं। बता दें कि रिमोट रोबोटिक मिनिमल एक्सेस सर्जरी का प्रयोग चीन के सर्जन ने किया है।
A surgeon in China successfully removed a lung tumor from a patient while being 5000 km away. The doctor operated the machine remotely from his office in Shanghai, while the patient was in Kashgar, located on the opposite side of the country. The entire operation was completed in… pic.twitter.com/8VQrpnvtS0
---विज्ञापन---— Naresh Nambisan | നരേഷ് (@nareshbahrain) August 2, 2024
ग्रामीण इलाकों को मिलेगा फायदा
ऐसे मामले चीन में भविष्य में और भी देखने को मिल सकते हैं। चेस्ट अस्पताल ने भी सर्जरी के बाद बुलेटिन जारी कर इसे शानदार उपलब्धि बताया है। अस्पताल के अनुसार चिकित्सा विज्ञान ने काफी तरक्की की है। लेकिन अभी काफी कुछ सीखना बाकी है। रोबोटिक के जरिए इंजीनियरिंग का सुंदर उपयोग देखने को मिला है। शंघाई नगर पालिका के सूचना कार्यालय ने भी इसे ग्रामीण और दुर्गम इलाकों के लिए बेहतरीन कदम बताया है। जहां आवाजाही आसान नहीं है। वहां के रोगियों को इस टेक्नीक से मदद मिलेगी। साथ ही सर्जन डॉ. लुओ किंगक्वान और उनकी टीम का धन्यवाद किया गया है।
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