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फिर नाटो क्षेत्र में घुसे रूसी विमान, बाल्टिक सागर में जर्मनी ने उतारे फाइटर जेट

नाटो और रूस के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया। रूस के फाइटर जेट अब जर्मनी में घुस गए हैं। जवाब में जर्मनी ने भी अपने फाइटर जेट मैदान में उतार दिए हैं। इधर नाटे सदस्य स्टोनिया की पीएम ने इमरजेंसी बैठक को भी बुला लिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Sep 22, 2025 09:22
बाल्टिक सागर ने दिखा रूसी फाइटर जेट

नाटो देश और रूस के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रूस ने एक बार फिर नाटो के एयर स्पेस में अपने फाइटर जेट भेजा है। इसे जवाब में जर्मनी में भी दो यूरोफाइटर जेट तैनात कर दिए। मामला बाल्टिक सागर का है। बाल्टिक सागर के ऊपर रूस का IL-20M टोही विमान गया था। अल जजीरा ने अनुसार, जर्मन वायु सेना ने बताया कि उस विमान के पास कोई परमिशन नहीं थी, न ही कोई जानकारी दी थी। हमले की आशंका में जर्मन में ने भी अपने फाइटर जेट की तैनाती कर दी। रूस की हरकत देखते हुए एस्टोनिया की प्रधानमंत्री ने नाटो की इमजेंसी बैठक भी बुलाई है।

सेना ने क्या कहा?

बयान जारी करते हुए जर्मन वायु सेना ने कहा कि नाटो के त्वरित प्रतिक्रिया चेतावनी बल ने एक अज्ञात विमान को बिना उड़ान प्लानिंग या रेडियो संचार के उड़ते हुए पाए जाने के बाद उड़ान भरने का आदेश दिया। कहा कि यह एक रूसी IL-20M टोही विमान निकला। पहचान के बाद, हमने एस्कॉर्ट की जिम्मेदारी अपने स्वीडिश नाटो सहयोगियों को सौंप दी और रोस्टॉक-लागे लौट आए।

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बैठक से पहले हुई हलचल

बता दें कि मंगलवार को इंटरसेप्शन नाटो की उत्तरी अटलांटिक परिषद की बैठक होने वाली है। इससे पहले यह आसमानी हलचल ने राजनीति को तेज कर दिया है। बताया जा रहा है कि बैठक में एस्टोनिया देश के ऊपर रूसी जेट विमानों से जुड़ी घटना पर चर्चा की जाएगी। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया की राजधानी तेलिन ने शुक्रवार को मास्को पर अपने हवाई क्षेत्र का “अभूतपूर्व और बेशर्मी से” उल्लंघन करने का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि 3 रूसी मिग-31 लड़ाकू विमान बिना मंजूरी के उसकी सीमा में घुस आए और 12 मिनट तक अंदर रहे।

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क्या बोला नाटो और यूरोप?

बाल्टिया सागर में घुसपैठ पर नाटो और यूरोपीय सरकारों ने इसकी निंदा की है। कहा कि यह लापरवाह और खतरनाक उकसावे है। एस्टोनिया की प्रधानमंत्री क्रिस्टन माइकल ने नाटो के अनुच्छेद 4 के तहत तत्काल परामर्श का आह्वान किया, जो सदस्यों को तब बैठक करने की अनुमति देता है जब उन्हें लगता है कि उनकी सुरक्षा या संप्रभुता खतरे में है। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने एस्टोनिया के दावों का खंडन किया है।

First published on: Sep 22, 2025 08:01 AM

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