World News: भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन आजकल काफी सुर्खियों में हैं और उनके साथ चर्चा में अमेरिका की CBP होम ऐप भी है, जिसे डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में लॉन्च किया गया था और अब दूसरे कार्यकाल में इसे कुछ बदलावों के साथ लॉन्च किया गया है। यह ऐप अमेरिका से अवैध अप्रवासियों के स्व-निर्वासन के लिए बनाई गई है। रंजनी श्रीनिवासन ने भी इस ऐप का जिक्र किया। रंजनी ने बताया कि वह अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्बन प्लानिंग में PHD कर रही थीं, लेकिन फिलिस्तीन और हमास का समर्थन करने पर उनका स्टूडेंट वीजा रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं उन्हें डिपोर्ट करने भी तैयारी थी, लेकिन उन्होंने खुद अमेरिका छोड़ने का फैसला लिया और कनाडा चली गईं।
5 मार्च को वीजा रद्द हुआ और 11 मार्च को उन्होंने CBP होम ऐप का इस्तेमाल करते हुए स्व-निर्वासन ले लिया। वहीं रंजनी के अमेरिका छोड़कर कनाडा जाने की पुष्टि डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी की मंत्री क्रिस्टी नोएम ने की। उन्होंने सूटकेस लेकर जाती रंजनी का एक क्लिप पोस्ट किया और लिखा कि अमेरिका में रहने और पढ़ाई करने के लिए वीजा देकर एक खास अधिकार दिया जाता है, जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं तो उस विशेषाधिकार का हनन हो जाता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के आतंकवाद समर्थकों में से एक को स्व-निर्वासन के लिए CBP होम ऐप का इस्तेमाल करते देखकर खुशी हुई। उम्मीद है कि और लोग भी इससे सबक लेंगे।
The Biden Administration exploited the CBP One App to allow more than 1 million aliens to illegally enter the United States. With the launching of the CBP Home App, we are restoring integrity to our immigration system.
---विज्ञापन---The CBP Home app gives aliens the option to leave now and… pic.twitter.com/F1VVZLOmf5
— Secretary Kristi Noem (@Sec_Noem) March 10, 2025
ऐप से स्व-निवार्सन करने वालों को भविष्य में मिलेगी एंट्री
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, CBP होम ऐप कोई नया एप्लीकेशन नहीं है, बल्कि CBP वन का नया एडिशन है। CBP वन का इस्तेमाल पहले अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर शरण लिए जाने के दावों को निपटाने के लिए किया जाता था। CBP होम ऐप को स्व-निर्वासन के लिए शुरू किया गया है। जो लोग देश छोड़ना चाहते हैं, वे सरकार को ‘प्रस्थान करने का इरादा’ बताते हुए अपनी तस्वीर के साथ इस ऐप पर एक फॉर्म को भर सकते हैं। अप्लाई करने वाले व्यक्ति को अपनी जीवनी संबंधी जानकारी, वर्तमान फोन नंबर देना होगा। यह भी बताना होगा कि उसके पास अमेरिका छोड़कर जाने के लिए पर्याप्त पैसे हैं या नहीं। एक वैध पासपोर्ट है या नहीं।
इस ऐप का इस्तेमाल करके जो लोग स्व-निर्वासन लेंगे, वे भविष्य में कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करके अमेरिका में एंट्री कर सकते हैं, लेकिन जिन लोगों को सरकार और पुलिस पकड़कर जबरन निवार्सित करेगी, उन्हें कभी अमेरिका में एंट्री नहीं मिलेगी। स्व-निर्वासन करने वाले लोगों का रिकॉर्ड इस ऐप में रहेगा, जिसका फायदा ही होगा। रंजनी श्रीनिवासन का स्व-निर्वासन इस नए लॉन्च किए गए CBP होम ऐप का विज्ञापन बन गया। होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने 10 मार्च को CBP होम ऐप लॉन्च करने की घोषणा की। 11 मार्च को रंजनी श्रीनिवासन ने स्व-निर्वासन के लिए इस पर आवेदन किया और जब ICE एजेंट कोलंबिया विश्वविद्यालय के उनके आवास पर उनसे मिलने आए तो वे कनाडा भाग गईं।
She is Ranjani Srinivasan. She participated in pro-Palestine protests at Columbia Uni. Her student visa was revoked last week for supporting terrorism. So she self-deported herself (read run away).
She can join JNU now and do all such bkr. Only India can tolerate such nonsense. pic.twitter.com/NN8jt163Cg
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) March 15, 2025
साल 2016 में भारत से अमेरिका आई थीं रंजनी श्रीनिवासन
रंजनी कहती हैं कि हमास का समर्थन करने के आरोप में उनका छात्र वीजा रद्द कर दिया गया था, हालांकि उन्होंने दावा किया कि वे हमास की कार्यकर्ता नहीं थीं, लेकिन जब विश्वविद्यालय ने उनका छात्र वीजा रद्द कर दिया तो उन्होंने खुद ही देश छोड़ना सुरक्षित समझा, लेकिन वे अवैध रूप से अमेरिका में नहीं रहती थीं। वह साल 2016 में फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत भारत से अमेरिका आईं और साल 2020 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अपना डॉक्टरेट प्रोग्राम शुरू किया। उन्होंने कहा कि वह ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड प्रिजर्वेशन में शहरी नियोजन डॉक्टरेट कार्यक्रम के 5वें ईयर में थीं और उन्हें मई 2025 में डिग्री मिल जानी थी, लेकिन 5 मार्च को उनका छात्र वीजा रद्द कर दिया गया, जिससे उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ा।