PM Sushila Karki: नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 14 सितंबर को सिंह दरबार में पदभार ग्रहण कर लिया। पद संभालते ही पीएम सुशीला कार्की एक्शन मोड में आ गई हैं। सबसे पहले उन्होंने युवाओं पर हुई बर्बरता पर जांच की बात कही। कहा कि बर्बरता की घटना में शामिल लोगों की जांच की जाएगी। इसके बाद सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। कहा कि हम छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे। आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगा।
12 सितंबर को ली थी शपथ
अंतरिम पीएम को लेकर कई नाम चर्चा में थे। ये चर्चा तब थम गई जब पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें पद की शपथ दिलाई थी। इस मौके पर कार्की के साथ कई युवा नेता भी मौजूद रहे थे।
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मंत्रिमंडल पर विचार विमर्श शुरू
कार्की ने अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने की तैयारी के लिए जेन जी आंदोलन के करीबी सलाहकारों और प्रमुख हस्तियों के साथ परामर्श शुरू कर दिया है। नेपाली मीडिया के अनुसार कार्की सभी 25 मंत्रालयों पर अधिकार रखने के बावजूद, वह करीब 15 मंत्रियों के साथ एक सुव्यवस्थित मंत्रिमंडल बनाने की तैयारी कर रही हैं। मंत्री पद के लिए जिन नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश आर्यल, पूर्व सैन्य अधिकारी बालानंद शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायाधीश आनंद मोहन भट्टाराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मान सिंह बसन्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमन घीसिंग शामिल हैं।
6 मार्च को होंगे चुनाव
गत शुक्रवार को नेपाल की संसद को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया। इसमें तय किया गया कि 6 महीने के बाद यानी 5 मार्च 2026 को नए चुनाव निर्धारित किए गए हैं। कार्की ने पहले बयान में भी साफ कहा है कि वह छह महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे। वह नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देगीं।
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