पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने अपने आवास पर बुधवार शाम को एक उच्च स्तरीय बैठक की। यह दो दिनों में पीएम आवास पर आयोजित दूसरी हाईलेवल बैठक थी। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, NSA अजीत डोभाल और सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे।
24 घंटे में दूसरी हाई लेवल मीटिंग
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर 24 घंटे के भीतर दूसरी बार उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक करीब 35 मिनट तक चली। इन बैठकों में देश की सुरक्षा स्थिति, क्षेत्रीय चुनौतियों और पहलगाम हमले के जवाब में रणनीति पर गहन चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले मंगलवार को भी एक हाई लेवल बैठक की थी।
सेना को ‘फुल ऑपरेशनल’ छूट
मंगलवार को हुई बैठक में पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुखों- सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के साथ चर्चा की थी। यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए सशस्त्र बलों को ‘फुल ऑपरेशनल’ छूट दी थी, जिसका मतलब है कि सेनाएं समय, लक्ष्य, और कार्रवाई के तरीके को स्वतंत्र रूप से तय कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया और वरिष्ठ रक्षा नेतृत्व से कहा कि उन्हें किसी भी सैन्य प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय को निर्धारित करने के लिए ‘फुल ऑपरेशन’ की छूट है।
पाकिस्तान पर सख्त फैसले
पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को पहली बार सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की गई थी। इसके बाद बुधवार सुबह 11 बजे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई। एक हफ्ते में दूसरी बार CCS बैठक की गई। इस बैठक में भारत के सख्त रुख को और स्पष्ट किया गया। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में पीएम मोदी (अध्यक्ष), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हैं। सीसीएस की पहली बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच कड़े कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए गए थे।
- सिंधु जल संधि का निलंबन: 1960 की इस संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों में ऐतिहासिक कदम है।
- अटारी-वाघा बॉर्डर बंद: एकीकृत चेकपोस्ट को बंद कर दिया गया, हालांकि वैध दस्तावेजों वाले लोगों को 1 मई 2025 तक लौटने की अनुमति दी गई है।
- पाकिस्तानी वीजा रद्द: SAARC और SPES वीजा छूट रद्द कर दी गईं और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- पाकिस्तानी राजनयिकों पर कार्रवाई: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना, और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ यानी अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह में भारत छोड़ने को कहा गया।
- इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास बंद: भारत ने अपने रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाने और दूतावास बंद करने का फैसला किया।