नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जल्द ही मुलाकात हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेता उज्बेकिस्तान में मिल सकते हैं। दरअसल उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर में शंघाई कॉरपोरेशन संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें दोनों नेता आमने-सामने होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आखिरी आमने-सामने की बैठक 13 नवंबर 2019 को ब्राजील की राजधामी ब्रीसीलिया में हुई थी, जब दोनों नेताएं ने ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया था। उसके बाद अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर हुए वर्चुअल बैठक में दोनों नेता शामिल हुए हैं, लेकिन आमने-सामने की बैठक नहीं हो पाई है।
इस दौरान दोनों देशों के बीच के संबंध में काफी गिरावट आई है और जब पीएलए ने 5 मई 2020 को पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर और फिर गालवान, खुगरंग में जमीनी स्थिति को बदलने की कोशिश की, तो 17 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में नाला, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में तनाव भड़क उठा, जो जून महीने में हिंसक झड़प में तब्दील हो गया।
आपको बता दें कि एलएसी पर हॉटस्प्रिंग, डेमचौक तथा डेप्सांग इलाकों में दोनों देशों ने 50-50 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। भारत की तरफ से बार-बार मई 2020 से पहले की स्थिति की बहाली पर जोर दिया जा रहा है।
इस बीच उज्बेकिस्तान में होने जा रही विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत दो प्रमुख बैठकों में भाग लेगा। इन बैठकों में पहली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक है। वहीं दूसरी बैठक अफगानिस्तान को लेकर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। अफगानिस्तान पर सम्मेलन 25 और 26 जुलाई को हो रहा है, जबकि विदेश मंत्री की बैठक 28 और 29 जुलाई को होगी।
इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर हिस्सा ले सकते हैं। जहां उनकी चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात हो सकती है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच हाल ही में हुई 16वें दौर की वार्ता के परिणाम की समीक्षा के लिए जयशंकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।
ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होती है तो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संभावित मुलाकात का रास्ता भी साफ हो सकता है। दोनों नेताओं के उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15 और 16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।