China PhD Student Experience : आज के जमाने में बिना तकनीक जिंदगी अधूरी नजर आती है। इंसान भी पूरी तरह से तकनीक पर निर्भर होता जा रहा है। बिना मोबाइल और इंटरनेट के दिन गुजारना भारी लगने लगता है। एक पीएचडी छात्र ने इस पर ही पूरी रिसर्च कर डाली। वह करीब 5 महीने तक मोबाइल और गैजेट जैसे तकनीकी तामझाम से दूर रहा। आइए जानते हैं कि इस दौरान उसे क्या-क्या समस्याएं आईं?
स्टूडेंट ने बिना गैजेट चीन की यात्रा की
स्टूडेंट यांग हाओ ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने नवंबर में शांक्सी प्रांत की राजधानी ताइयुआन में अपना घर छोड़ा और अप्रैल तक चीन के कई प्रांतों की यात्रा की। रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने 24 प्रांतों का दौरा किया। इस दौरान उसने पास न तो मोबाइल फोन और कंप्यूटर था और न ही कोई गैजेट। उसके पास सिर्फ दो कैमरे थे, जोकि इंटरनेट से कनेक्ट नहीं हो सकते थे।
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जानें क्या-क्या हुईं समस्याएं?
स्टूडेंट ने कागज के मैप, लोगों की मदद और अपनी समझ के आधार पर चीन का दौरा किया और एक अनुभव प्राप्त किया। इसे लेकर उन्होंने कहा कि वह जानता चाहता था कि बिना गैजेट जिंदगी कैसी होती है। इस दौरान छात्र को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। वे टाइम से पहले होटल बुक नहीं कर सके, कार नहीं बुला सके। नकद पैसों की निकासी के लिए दूर स्थित एटीएम तक सफर करना पड़ा। इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें अनजान लोगों की मदद लेनी पड़ी।
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क्यों हैरान हो गए लोग?
यांग ने कहा कि लोग हैरान रह गए, जब उन्हें पता चला कि वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा है। इस दौरान लोगों ने सोचा कि वह किसी स्पेशल प्रोजक्ट में लगा तो कुछ ने सोचा- बिना मोबाइल रहना दिलचस्प बात है। इसे लेकर स्टूडेंट ने कहा कि अक्सर मोबाइल ध्यान भटकाता है, इसलिए बिना इसके वे किताबें पढ़ने या लिखने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।