---विज्ञापन---

सूख रहा…पनामा, जानें भारत समेत दुनिया पर क्या होगा असर ?

Panama Canal Drying : ग्लोबल वार्मिंग के सबसे ज्यादा आर्थिक परिणामों को देखना हो तो पनामा नहर को देख सकते हैं, मध्य अमेरिका में कम बारिश होने के कारण पनामा नहर का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। विशेषज्ञों को डर है कि उपभोक्ताओं को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। कभी वैश्विक शिपिंग […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 23, 2023 10:36
Share :
Panama Canal Drying

Panama Canal Drying : ग्लोबल वार्मिंग के सबसे ज्यादा आर्थिक परिणामों को देखना हो तो पनामा नहर को देख सकते हैं, मध्य अमेरिका में कम बारिश होने के कारण पनामा नहर का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। विशेषज्ञों को डर है कि उपभोक्ताओं को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

कभी वैश्विक शिपिंग के लिए वरदान था पनामा

बता दें कि पनामा नहर अटलांटिक महासागर को प्रशांत महासागर से जोड़ती है। कभी यह नहर वैश्विक शिपिंग के लिए एक बड़ा वरदान मानी जाती थी। पहले वैश्विक व्यापार के लिए काफी लम्बी दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन पनामा नहर से गुजरने से अब यह यात्रा 13,000 किलोमीटर (8,000 मील) से ज्यादा, कम हो गई है, जिससे पैसे और समय दोनों की बचत हुई।

---विज्ञापन---

जलवायु परिवर्तन के कारण इस नहर पर खतरा मंडरा रहा है। जब भी नहर के गेट खोले जाते हैं तो नहर का जल स्तर गिर जाता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप मध्य अमेरिका में वर्षा में भारी कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण बड़े जहाजों के लिए गुजरना कठिन हो गया है।

नहर में झीलें करती हैं पानी की आपूर्ति

कृत्रिम झीलें, पनामा नहर में पानी की आपूर्ति करती हैं। ये झीलें नहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित हैं, जब ये झीलें वर्षा से भर जाती हैं जो आमतौर पर पनामा में अपना पानी छोड़ती हैं हालांकि, सूखे ने नहर को पानी देने वाली सबसे बड़ी झील लागो गैटुन को रिकॉर्ड-निम्न स्तर पर छोड़ दिया है। अगस्त महीनें में, यह मई 2016 से सबसे निचले रिकॉर्ड स्तर के करीब था, और पिछले पांच वर्षों में अगस्त के औसत स्तर से काफी नीचे रहा।

---विज्ञापन---

वैश्विक व्यापार को होगा बड़ा नुकसान

पनामा नहर, वैश्विक मालवाहक जहाज यातायात(Global Cargo Ship Traffic) का लगभग 40% कवर करती हैं। इस बीच, अड़चन के कारण पनामा को करोड़ों डॉलर के राजस्व का नुकसान होने की आशंका है। नहर का उपयोग करने वाले प्रत्येक तीन जहाजों में से दो अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं। यह अनाज और अन्य खाद्य आपूर्ति को आयात-निर्यात करने का सबसे सबसे किफायती तरीका है। पनामा नहर दुनिया के सबसे अहम समुद्री रास्तों में से एक माना जाता है। कुल समुद्री ट्रैफिक का करीब 6 प्रतिशत इसी नहर पर निर्भर करता है। अमेरिका, चीन और जापान इस रास्ते का प्रयोग करने वाले सबसे बड़े देश हैं।

भारत पर भी होगा असर

एक रिपोर्ट के अनुसार, पनामा मध्य अमेरिका में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 2022 में 600 मिलियन डॉलर के करीब रहा, इस द्रष्टिकोण से पनामा नहर का संकट भारत के लिए भी बहुत मायने रखता है।

बहराल, पनामा नहर प्राधिकरण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए संरक्षण उपायों पर जोर दे रहा है और तकनीकी समाधान तलाश रहा है और विश्व स्तर पर साझेदारी कर रहा है।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Sep 23, 2023 09:52 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें