Pakistan PM Shehbaz Sharif Raised Kashmir Issue: प्रधानमंत्री बनते ही शहबाज शरीफ ने कश्मीर और भारत को लेकर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए है। प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली को संबोधित किया और अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा। कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा। कश्मीर हम लेकर रहेंगे। उन्होंने कश्मीरियों और फिलिस्तीनियों को आजाद कराने के लिए नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव रखने और उसे पारित कराने की घोषणा भी की।
हालांकि उन्होंने पड़ोसी देशों और अन्य देशों के साथ संबंध सुधारने की बात भी कही, लेकिन कश्मीर के मुद्दे पर वही पुराना राग अलापा और भारत के प्रति लहजा चेतावनी भरा रहा। वहीं दूसरी ओर जब शहबाज शरीफ ने असेंबली में बोलना शुरू किया तो विरोधियों ने ‘वोट चोर’ के नारे लगाए।
Prime Minister of Pakistan
Muhammad Shehbaz Sharif pic.twitter.com/diQzzGzQZU— President PMLN (@president_pmln) March 3, 2024
अर्थव्यवस्था सुधारना और जी-20 मेंबरशिप टारगेट
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान अब दोस्तों के नंबर्स बढ़ाएगा, इसके लिए पड़ोसियों और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित किए जाएंगे। देश की अर्थव्यवस्था अभी खराब है। बजटीय घाटा उठाना पड़ रहा है। अभी तो कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल है। कर्ज भी बहुत ज्यादा है। अरबों रुपये का ब्याज देना पड़ रहा है।
एनर्जी सेक्टर और एयरलाइंस घाटे में चल रही है, लेकिन इन सभी चुनौतियों को पार करते हुए हम देश को विकास की राह पर ले जाएंगे। सभी बाधाओं को दूर करके पाकिस्तान के लोगों को एक अच्छा माहौल देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसलिए हमारी सरकार का फोकस देश की अर्थव्यवस्था सुधारने पर रहेगा। साल 2030 तक जी-20 का सदस्य बनने का लक्ष्य हमने रखा है।
Even Shehbaz Sharif knows he should be Opposition leader right now#مینڈیٹ_پر_ڈاکہ_نامنظور pic.twitter.com/qhZATVrGyq
— PTI (@PTIofficial) March 3, 2024
आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख सख्त
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज ने अपने पहले संबोधन में कहा कि भारत अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के फैसले को वापस ले ले। दूसरी ओर भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। 2015-16 के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कोई वार्ता नहीं हुई है।
मोदी और नवाज ने पिछले कुछ वर्षों में घनिष्ठ संबंध बनाए हैं, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद और कश्मीर के मद्दे पर पाकिस्तान को हमेशा आड़े हाथों लिया है। 2019 में अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने के पाकिस्तान के फैसले के कारण दोनों देशों के संबंध और बिगड़े। पाकिस्तान ने भी संबंधों को खराब करने की कोशिश करते हुए भारतके साथ व्यापार भी बंद कर दिया।