---विज्ञापन---

दुनिया

पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन लीक हुआ तो कितने खौफनाक होंगे परिणाम? पीढ़ियों तक रहेगा असर

हाल ही में पाकिस्तान में एक परमाणु ठिकाने को नुकसान पहुंचने की खबरों ने लोगों के बीच डर बढ़ा दिया है। अगर वाकई रेडिएशन लीक हुआ, तो इसके असर सिर्फ कुछ दिनों या महीनों तक नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों तक महसूस किए जा सकते हैं। आइए समझते हैं कैसे।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 13, 2025 19:52
Impact of Nuclear Weapons
Impact of Nuclear Weapons

भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई आतंकी और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इस कार्रवाई में एक कथित परमाणु ठिकाने के क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें सामने आई हैं। इसके बाद से सोशल मीडिया और गूगल पर “न्यूक्लियर रेडिएशन” शब्द सबसे ज्यादा खोजा जा रहा है। लोगों के मन में यह डर बैठ गया है कि अगर परमाणु ठिकाने को नुकसान पहुंचा है, तो क्या उसका रेडिएशन आसपास के इलाकों में फैल सकता है? और क्या इसका असर पाकिस्तान से लगे भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों पर भी हो सकता है? इसी चीज को समझने के लिए हमें चेरनोबिल और हिरोशिमा-नागासाकी की घटनाओं को याद करना होगा। आइए जानते हैं।

रेडिएशन के फौरन असर: जब मौत हो जाती है पल भर में

न्यूक्लियर रेडिएशन एक अदृश्य मौत की तरह होता है। जब किसी परमाणु बम या परमाणु प्लांट में विस्फोट होता है, तो आसपास के लोगों पर इसका सीधा असर पड़ता है। सबसे पहले शरीर को एक्यूट रेडिएशन सिंड्रोम (ARS) घेर लेता है। इससे लोगों को उल्टी, त्वचा में जलन, थकान और बेहोशी होने लगती है। कुछ ही घंटों या दिनों में मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण मौत हो जाती है। ऐसा ही असर 1986 में चेरनोबिल परमाणु हादसे के बाद हुआ था, जब वहां के कर्मचारियों और दमकलकर्मियों की मौत कुछ ही दिनों में हो गई थी।

---विज्ञापन---

होता है कैंसर और जन्मजात विकलांगता

रेडिएशन का असर सिर्फ मौके पर मौजूद लोगों तक ही सीमित नहीं रहता। इसका असर हवा, मिट्टी और पानी के जरिए दूर-दराज के लोगों तक भी पहुंचता है। इससे शरीर की DNA कोशिकाएं खराब हो जाती हैं। इसके कारण कैंसर, बांझपन, थायरॉइड की समस्या और जन्मजात बीमारियां बढ़ जाती हैं। चेरनोबिल हादसे के बाद आसपास के गांवों में पैदा हुए हजारों बच्चों में मानसिक विकलांगता और शारीरिक दोष पाए गए। वहीं 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के बाद वहां आज तक थायरॉइड कैंसर और ल्यूकीमिया के मरीज मिलते हैं। वहां की अगली कई पीढ़ियों पर रेडिएशन का असर देखा गया।

रेडिएशन का डर और भारत की तैयारी

अगर पाकिस्तान का कोई परमाणु ठिकाना सच में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्षतिग्रस्त हुआ है, तो भारत के लिए भी अलर्ट रहने की जरूरत है। हालांकि परमाणु रेडिएशन सीमाओं को नहीं देखता, लेकिन भारत सरकार के पास इसके लिए विशेष मॉनिटरिंग सिस्टम और सुरक्षा इंतजाम मौजूद हैं। इस तरह के रेडिएशन लीक की स्थिति में भारत के पास बचाव के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी और आपातकालीन टीमें हैं। लेकिन सबसे जरूरी है कि लोगों को इस बारे में सही जानकारी दी जाए ताकि अफवाहों और डर का माहौल न बने। परमाणु रेडिएशन बेहद खतरनाक होता है और इसके असर पीढ़ियों तक महसूस किए जाते हैं।

First published on: May 13, 2025 07:51 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें